tag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post70925855010533440..comments2023-08-12T13:08:34.304+05:30Comments on दन्तेवाड़ा वाणी: आदरणीय मनमोहन सिंह जी के नाम खुला पत्रHimanshu Kumarhttp://www.blogger.com/profile/06783793504254593279noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-17022696203673597282013-06-07T00:26:28.464+05:302013-06-07T00:26:28.464+05:30भाई साहब! ये सब बाते हमें शायद कभी पता ही नहीं चलत...भाई साहब! ये सब बाते हमें शायद कभी पता ही नहीं चलती जो आपने बताई है। हम तो छत्तीसगढ़ के बाहर रहते हैं मीडिया के जरिए सिर्फ नक्सली हमलों की खबरें पढ़ते हैं और सुनते हैं। असल कहानी तो आपका ब्लॉग पढ़ कर समझ में आई है। सरकार, पुलिस पर तो फिर भी ठीक है लेकिन कानून और उसकी पालना करवाने वाली अदालतें भी अगर न्याय नहीं दिला सकती हैं तो आदिवासियों के पास बस एक ही विकल्प है... मैं समझता हूं वह गलत भी नहीं है। आज ही समाचार पढ़ा की पुलिस ने राजनांदगांव के एक 17 वॢषय किशोर को नक्सली बता कर गिरफ्तार किया है। भगवान जाने वह भी सरकार और पुलिस की नई साजिश का शिकार तो नहीं...? Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08616256357280885216noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-24414610169527505132013-05-30T23:23:27.399+05:302013-05-30T23:23:27.399+05:30salam adiwasio ki kranti kosalam adiwasio ki kranti koAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/14864486352093772969noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-43867906215902883182013-05-20T10:41:37.639+05:302013-05-20T10:41:37.639+05:30http://rtrrecommendations.wordpress.com/2012/09/01...http://rtrrecommendations.wordpress.com/2012/09/01/61reducing-naxalite-problem/mrathihttps://www.blogger.com/profile/08276560039539512223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-32234776705585548982013-01-08T20:07:12.371+05:302013-01-08T20:07:12.371+05:30मैं क्या लिखूं कुछ समझ में ही नहीं आ रहा ............मैं क्या लिखूं कुछ समझ में ही नहीं आ रहा ...............Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-45036734956158253152013-01-08T20:04:46.101+05:302013-01-08T20:04:46.101+05:30मई क्या कहूँ कुछ समझ में ही नहीं आ रहा ..............मई क्या कहूँ कुछ समझ में ही नहीं आ रहा .................Akhilesh Palhttps://www.blogger.com/profile/10617098188449845006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-21700164466738096172013-01-08T17:21:46.946+05:302013-01-08T17:21:46.946+05:30रमन सिंह की शिकायत लेकर ही तो हम दिल्ली की सरकार क...रमन सिंह की शिकायत लेकर ही तो हम दिल्ली की सरकार के पास आये थे . रमन सिंह तो जो कर रहा है वह तो सबको पता ही चल चुका था . हमको लगा कि शायद दिल्ली में बैठे गृह मंत्री और प्रधान मंत्री को यह सब ना पता हो . <br />वैसे यह सब चिदम्बरम के उस साक्षात्कार के बाद शुरू हुआ जिसमे उसने कहा था कि वह छत्तीसगढ़ में जन सुनवाई के लिये आने को तैयार हैं .<br />इंटरव्यू पढ़िए -<br /><br />http://archive.tehelka.com/story_main43.asp?filename=Ne211109coverstory.aspHimanshu Kumarhttps://www.blogger.com/profile/06783793504254593279noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-4444051087358896432013-01-08T15:31:50.007+05:302013-01-08T15:31:50.007+05:30
क्या आप मुझे बताएँगे की आप यह पत्र नौटंकी .केंद्र...<br />क्या आप मुझे बताएँगे की आप यह पत्र नौटंकी .केंद्र सरकार कोसंबोधित करके क्यों कर रहे हैं ..क्या छत्तीस गढ़ मे सरकार नही है ..क्या रमांजी ने आप का मूह भर दिया है ..क्या आप बताएँगे की रमण सरकार के सन्दर्भ मे आप क्या सोचते हैं ..क्या नक्सली समस्या सीधे केंद्र डील करती है .क्या रमण की कोई भूमिका नही ..आप का पत्र इन उत्तरों के बुईंा केवल और केवल रमण की खैरख़्वाही है जिसमे आप केंद्र को कटघरे मे खड़ा करना चाह रहे है . चिदंबरम क्यों नानकिराम क्यों नही .मनमोहन क्यों रमण क्यों नही .. <br />saroj mishrahttps://www.blogger.com/profile/00995338699067795823noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1321202024732950279.post-83575444414469137352012-01-25T07:22:19.686+05:302012-01-25T07:22:19.686+05:30पूरा पत्र पढा। इतना कुछ हुआ, पता नहीं था... ...
ल...पूरा पत्र पढा। इतना कुछ हुआ, पता नहीं था... ... <br />लेकिन हमें नहीं लगता कि पत्र लिखना जैसे काम इस सरकार के साथ अब होने चाहिए... ... इस मौके पर चे याद आते हैं... ... छापामार युद्ध... ... <br /><br />आदिवासी समझ गये कि सच क्या है... ... यह आवश्यक था, एकदम जरूरी था... ... <br /><br />सरकार चाहे किसी राज्य की हो या भारत देश की... ... सब है तो कुक्कुरों की ही... ...चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.com