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Sunday, October 2, 2011

इसलिए मोदी हमारे समृद्ध मिडिल क्लास के सपनो का हीरो है !

"एक पुलिस वाले को किसकी बात माननी चाहिये" ?
संजीव भट्ट के मसले पर कल भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री प्रकाश जावडेकर जी टी वी पर बोल रहे थे कि जो पुलिस अधिकारी मुख्य मंत्री के सामने सिर उठाये और इस तरह की अनुशासन हीनता करे तो उसे कैसे माफ़ किया जा सकता है ?
दो तीन सवाल ?
१-- अर्थात संजीव भट्ट को मुख्य मंत्री के सामने सिर उठाने के लिए सजा दी जा रही है ना कि उस मामले में जिसमे उन्हें अभी गिरफ्तार किया गया बताया जा रहा है !
२-- एक पुलिस अधिकारी को किसका अनुशासन मानना चाहिए ? भारतीय संविधान का ? या मुख्य मंत्री के किसी भी तरह के आदेश का ?
३--मान लीजिये एक मुख्यमंत्री किसी पुलिस अधिकारी को आदेश देता है कि मेरे राजनैतिक विरोधी को गोली मार दो ! और वो पुलिस अधिकारी मुख्यमंत्री का आदेश नहीं मानता है ,तो क्या ये अनुशासन हीनता है ?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के अनुसार तो यह अनुशासन हीनता है और ऐसे पुलिस अधिकारी को जेल में डाल देना चाहिए !और उन्होंने संजीव भट्ट को जेल में डाल भी दिया है ! आप क्या कर लोगे ?
लेकिन आप चौंकिए मत ! यही भाजपा की घोषित संस्कृति है ! भाजपा जैसी विचारधारा वाली पार्टी का ये घोषित तरीका है कि यदि हम सत्ता में हैं तो सबको हमारे लिए काम करना होगा ! फिर चाहे वो अदालत हो , वकील हो पुलिस वाला हो , एन जी ओ हो या मीडिया हो !
थोड़ी देर के लिए संजीव भट्ट को भूल जाइये और अब आप अपनी याददाश्त पर थोडा सा जोर डालें! पिछले कुछ सालों में ये भगवा ब्रिगेड क्या कर रही है और क्या कह रही है ? ये कहते हैं कि" अदालत का फैसला कुछ भी आये होगा वही जो हमारी आस्था कहती है !" मतलब अदालत अगर हमारे मन मुताबिक फैसला नहीं देगी तो हम उसे भी नहीं मानेगे ! अनेको मामलो में इन्ही संघियों ने वकीलों पर इसलिए हमले किये क्योंकि उन वकीलों ने उन लोगों को कानूनी मदद देनी चाही जिन्हें भाजपाई नापसंद करते हैं !
और एक अंतरात्मा वाले पुलिस वाले पर ये हमला सिर्फ गुजरात में नहीं है ! भाजपा शासित सभी प्रदेशों में है! उदहारण के लिए २६ मार्च को दंतेवाडा में जब एक आदिवासी ऐ एस पी श्री मरावी को बुरी तरह पीटा गया और उनकी गाडी को तोड़ दिया गया ! क्योंकि वो एक जांच दल को उन गावों में ले जा रहे थे जिन्हें वहाँ की सरकार के निर्देश पर जला दिया गया था ! और उन पर ये हमला नक्सलियों ने नहीं किया बल्कि सरकार के वफादार " अनुशासित " पुलिस वालों ने ही किया ! और मजे की बात ये कि उन ऐ एस पी साहब की ऍफ़ आई आर भी नहीं लिखी गयी ! जब हम लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में ये मामला उठाया तब बेचारे अपनी ऍफ़ आई आर लिखवा पाए !कार्यवाही अभी भी नहीं हुई !
आप लोगों को याद रखना चाहिए भाजपा हिटलर को अपना आदर्श पुरुष मानती है ! और जिस दिन ये लोग पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लेंगे उस दिन लोकतंत्र , संसद संविधान , सब भूल जाइएगा ! और कई नर संहारों के लिए अपने मन को तैयार कर लीजिये ! ये नर संहार नए आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक युग के लिए अनिवार्य है !क्योंकि इसमें कुछ ही लोगों का विकास किया जाता है ! बाकी करोड़ों लोगों को तो मारना ही पड़ेगा ! इसलिए मोदी हमारे समृद्ध मिडिल क्लास के सपनो का हीरो है !

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