Thursday, November 3, 2011
सुकुल प्रसाद नाग
सुकुल प्रसाद नाग जेल में हैं ! वो एक आदिवासी नेता हैं! मैं उन्हें बरसों से जानता हूँ ! उम्र लगभग पिचहत्तर साल ! शानदार व्यक्तित्व कन्धों तक लम्बे बाल ! हमेशा हँसते हुए ! सफ़ेद धोती कुरता ! दंतेवाडा के पास मटेनार गाँव के रहने वाले ! हमारी संस्था का कोई भी अभियान हो , चाहे कुपोषण के के बारे में , महिला स्वास्थ्य , सब को शिक्षा , या पुलिस दमन के विरोध में कोई महिला रैली , सुकुलधर दादा हँसते हुए ज़मीन पर सबसे पहले बैठे हुए मिलते ! हम उन्हें जबरन भाषण देने के लिए अड़ जाते और फिर सुकुलधर दादा का भाषण होता , लगता जैसे पीढ़ियों का आदिवासी ज्ञान एकत्र हो गया है ! हम सब उनके बोलने से सीखते थे कि इस विषय का आदिवासियों के लिए क्या रूप होना चाहिए ?
सुकुल प्रसाद नाग आदिवासी महासभा के एक वरिष्ठ नेता हैं ! एक बार आदिवासी महासभा ने सलवा जुडूम और पुलिस के हमलों के बाद छत्तीसगढ़ छोड़ कर आन्ध्र प्रदेश चले गए आदिवासियों के कष्ट जानने के लिए दोनों प्रदेशों की सीमा पर एक बैठक रखी ! इस बैठक में आदिवासियों पर सरकारी दमन की सैंकड़ों शिकायतें सामने आयीं ! सुकुल प्रसाद नाग इस बैठक में शामिल होने के बाद अपनी पत्नी के साथ एक जीप में बैठ कर अपने गाँव लौट रहे थे! दोरनापाल के सलवा जुडूम केम्प में इनकी उस जीप को सरकार द्वारा नियुक्त किये गए एस पी ओ के एक झुण्ड ने रुकवा लिया और सड़क के बीचों बीच लकडियाँ इकट्ठी कर के एक चिता बना दी और उसमे सुकुल प्रसाद नाग को जलाने के लिए घसीट कर ले जाने लगे ! सुकुल प्रसाद नाग ने विरोध किया तो उन्हें मोटे मोटे डंडों से मारना शुरू किया गया ! वहाँ का थानेदार पहले तो सब कुछ होते हुए देखता रहा फिर उसने इन एस पी ओ से कहा कि बस काफी पिटाई हो गयी है नेतागिरी दिखाने के अपराध में इसकी ! यहाँ इसे जिंदा मत जलाओ नहीं तो मेरी नौकरी जा सकती है इसलिए इसे अब जाने दो ! एस पी ओ पुलिस की बात तो मानते नहीं हैं ! उन्होंने थानेदार को भी पीटना शुरू कर दिया ! उसे नीचे गिरा कर उसकी पिस्टल छीन ली और उसे भी लातों से मारा ! इसके बाद पीछे से सुकुल प्रसाद जी के साथियों की कई जीपें आ गयी और किसी तरह सुकुल प्रसाद जी की जान बचाई जा सकी !
सुकुल प्रसाद जी को दंतेवाडा अस्पताल में ले जाया गया ! सुकुल प्रसाद जी चल फिर नहीं पा रहे थे! लेकिन दंतेवाडा के सरकारी अस्पाल के इतिहास में डाक्टरों को पुलिस या एस पी ओ द्वारा पीटे गए लोगो की चोटें कभी नहीं मिलीं ! उन्होंने सुकुल प्रसाद जी को फिट घोषित किया और अस्पताल से बाहर का रास्ता दिखा दिया ! सुकुल प्रसाद जी ने राष्ट्रपति के नाम एक पत्र लिखा जो सी जी नेट वेब साईट के फ्रंट पेज पर एक वर्ष तक लगा रहा सारे देश ने जाना कि एक वृद्ध आदिवासी नेता के ऊपर कितनी बर्बरता सरकार के समर्थन से हुई है ! हांलाकि भारत के राष्ट्रपति को संविधान का आदेश है कि वह भारत के मूल निवासियों के संरक्षण के लिए सीधे हस्तक्षेप करें लेकिन आज़ाद भारत में आज तक किसी भी राष्ट्रपति ने आदिवासियों के रक्षण के लिए कोई पहल नहीं की ! इस मामले में भी कुछ नहीं हुआ !
सुकुल दादा हँसते हुए अपना सामजिक कार्य लगातार करते रहे ! डेढ़ साल पहले आदिवासियों की एक मीटिंग के लिए वो गाँव गाँव जाकर लोगों से बात कर रहे थे ! दंतेवाडा में उन दिनों नामचीन एस एस पी श्री कल्लूरी थे ! उन्होंने सुकुल प्रसाद नाग को मीटिंग कराने की जुर्रत के लिए उठा कर जेल में डाल दिया ! इल्ज़ाम लगाया गया कि कांग्रेसी नेता अवधेश गौतम के घर पर नक्सलियों के हमले में तुम भी शामिल थे ! तब से सुकुल प्रसाद नाग जी जेल में हैं !
मैं उन्हें याद कर रहा हूँ ! मुझे बहुत बेचैनी हो रही है ! क्योंकि मैं उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहा हूँ ! लेकिन मैंने अब उनके ज़मानत के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है ! उम्मीद हैं न्याय मिलेगा!
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आदिवासियों की इस तरह की समस्याओं का समाधान लोकतंत्र के इस रूप में नहीं हो सकता क्योंकि यह अमीरों का तंत्र है…समाधान तो समाजवाद में, साम्यवाद में दिखता है …
ReplyDeleteyou have ample of time himanshu. you are good planner and plotter of stories. You play with adivasii sentiments.
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