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Tuesday, December 27, 2011

"भीड़ मर गयी गैलीलियो नहीं मरा"

हम सब को बहुत गुस्सा आता है जब हम पढते हैं कि किस तरह क्रूर ईसाई धर्मान्धों ने गैलीलियो को ज़िन्दगी भर जेल में सड़ा दिया! गैलीलियो का गुनाह क्या था ? उसने सच बोला था ! उसने कहा था कि सूर्य पृथ्वी के चारों तरफ नहीं घूमता बल्कि पृथ्वी सूर्य के चारों तरफ घूमती है ! जबकि धर्मग्रन्थ में लिखा था कि पृथ्वी केन्द्र में है और सूर्य तथा अन्य गृह उसके चारों तरफ घुमते हैं ! गैलीलियो ने जो बोला वो सच था ! धर्मग्रन्थ में झूठ लिखा था !इसलिए धर्मग्रंथ को ही सच मानने वाले सारे अंधे गैलीलियो के विरुद्ध हो गये ! गैलीलियो को पकड़ कर मुकदमा चलाया गया ! अदालत ने सत्य को अपने फैसले का आधार नहीं बनाया ! अदालत भीड़ से डर गयी ! भीड़ ने कहा यह हमारे धर्म के खिलाफ बोलता है इसे जिंदा जला दो ! अदालत ने फ़ैसला दिया इसे ज़िन्दगी भर जेल में सड़ा दो क्योंकी इसने लोगों की धार्मिक आस्था के खिलाफ बोला है ! सत्य हार गया आस्था जीत गयी !ज़िन्दगी भर जेल में सड़ा दिया गैलीलियो को, सत्य बोलने के कारण !
आज भी जब हम ये पढते हैं तो सोचते हैं कि काश तब हम जैसे समझदार लोग होते तो ऐसा गलत काम न होने देते ! लेकिन अगर मैं आपको बताऊँ कि ऐसा आज भी हो रहा और आप इसे होते हुए चुचाप देख भी रहे हैं तो भी क्या आप में इसका विरोध करने का साहस है ? आप अपनी तो छोडिये इस देश के सर्वोच्च न्यायालय में भी ये साहस नहीं है !न्यायालय के एक नहीं अनेकों निर्णय ऐसे हैं जो सत्य के आधार पर नहीं धर्मान्ध भीड़ को खुश करने के लिए दिये गये हैं !
पहला उदाहरण है अमरनाथ के बर्फ के पिंड को शिवलिंग मानने के बारे में स्वामी अग्निवेश के बयान पर उन्हें सर्वोच्च न्यायालय की फटकार !दो दो जिला अदालतों द्वारा अग्निवेश के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिये गये ! वो बेचारे ज़मानत के लिए भटकते घूमे !स्वामी अग्निवेश ने कौन सी झूठी बात कही भाई ! क्या ये विज्ञान सम्मत बात नहीं है कि उस तापमान पर अगर पानी टपकेगा तो पिंड के रूप में जम ही जायेगा ! अगर डरे हुए करोडों लोग उस पिंड को भगवान मानते है तो इससे विज्ञान अपना सिद्धात तो नहीं बदल देगा ! या तो बदल दो बच्चों की विज्ञान की किताबे !या फिर कहने दो किसी को भी सच बात ! उन्हें इस सच को कहने के लिए पीटा गया ! उनकी गर्दन काट कर लाने के लिए एक धार्मिक संगठन ने दस लाख के नगद इनाम की घोषणा कर दी ! कोई राजनैतिक पार्टी इस बात के लिए नहीं बोली ! सबको इन्ही धर्मान्धों के वोट चाहिए !सबसे ज्यादा गुस्से की बात ये है कि इसी युग में, इसी साल इसी मामले पर इसी देश के सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले पर स्वामी अग्निवेश को फटकार लगाईं !
भयंकर स्तिथी है ! सच नहीं बोला जा सकता ! विज्ञान बढ़ रहा है ! विज्ञान का उपयोग हथियार बनाने में हो रहा है ! विज्ञान की खोज टीवी का इस्तेमाल लोगों के दिमाग बंद करने में किया जा रहा है !लोगों को भीड़ में बदला जा रहा है !भीड़ की मानसिकता को एक जैसा बनाया जा रहा है ! जो अलग तरह से बोले उसे मारो या जेल में डाल दो ! अलग बात बोलने वाला अपराधी है !सच बोलने वाला अपराधी है !
ये मस्जिदें तोड़ने वाली भीड़ ये दलितों की बस्तियां जला देने वाली भीड़ ये आदिवासियों को नक्सली कह कर उनका दमन कर उनकी ज़मीने छीनने वाली भीड़ जो दंतेवाडा से अयोध्या तक फ़ैली है , वही भीड़ संसद और सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल हो गयी है ! वो कुर्सियों पर बैठ गयी है ! वो सोनी सोरी मामले में अत्याचारी पुलिस का साथ दे रही है !वो गुजरात में मोदी का साथ दे रही है !वो तर्क को नहीं मानेगी , इतिहास को नहीं मानेगी !
ये भीड़ राजनीति को चलाएगी ! विज्ञान को जूतों तले रोंद देगी ! कमजोरों को मार देगी !और फिर ढोंग करके खुद को धर्मिक , राष्ट्रभक्त और मुख्यधारा कहेगी !
मैं खुद को इस भीड़ के राष्ट्रवाद , धर्म और राजीति से अलग करता हूं ! मुझे इसके खतरे पता हैं ! पर मैंने इतिहास में जाकर मरते हुए हुए गैलीलियो के साथ खड़े होने का फ़ैसला किया है ! मुझे पता है मेरा अंत उससे ज्यादा बुरा हो सकता है ! पर देखो न भीड़ मर गयी गैलीलियो नहीं मरा!

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18 comments:

  1. My dear Himanshu - Swami Agniweshji is making more a political statement rather then statement intending for some socio-religious transforamation and he is paying for it - the way he paid for his betrayal with ANTI CORRUPTION CRUSADE of SHRI ANNA HAZARE - for he is having a myopic view - is stuck up at the shell - the outer snow shivlingam - my dear it is faith of a person that matters and how does his faith helps that person to raise his spirituality - if he/she gains that by believing in a SWARUP OF ISHWAR of his own vision- what swamiji calls an idol with contempt - and looking for his SAT-CHIT-ANAND in it - it is his version/vision/reality of that absolute truth and that ABSOLUTE TRUTH doesn't need a SWAMI AGNIWESH's permission for how to manifest itself to his devotees/bhaktas- in a snow shivlingam or AS BANKE BIHARI OF VRINDAVAN - or a small balswarup of SHRI KRISHNA in every pushtimaargi VAISHNAV's mandir who offers his seva to this balswarup and believes that it is ulitmate purpose of his life - and is able to link himself to the same ABSOLUTE PARABRAHMA - of which followers of nirvishesh nirgoon brahma wadi like SWAMI AGNIWESH - the followers of SWAMI DAYANAND SARSWATIJI - are hardly able to get a glimpse of their bliss - ananda that followers of BHAKTI MARGA feel while offerring bhakti rupi seva to their VISION OF GOD.

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    1. People with sat chit anand kill others in the name of god..if ur god can be manifested in such mysterious ways then why so many followers going to defend him..if merely a scientific statement can create riot then corruption like issues will take few more centuries to eradicate..such sat chit anandee anti corruption activists should better go to himalaya and do some sadhna to pass the bill..faith is indeed in danger where such elementary science can shake it..and learned people with myopic ahistorical understanding went on to defend with their 'reasoned' arguments...

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  2. क्या विज्ञान सच बोल रहा है..क्या इस सच आपने अपनी कसौटी पर परखा है..शायद आपका जवाब हां होगा या नहीं...गैलिलियो धर्मान्धता के शिकार हुए इसे भुलाया नही जा सकता...बावजूद इसके बताना चाहुंगा कि भारत शांतिप्रिय देश है पाश्चात्य सोच ने इसके धर्म कला संस्कृति को बुरी तरह प्रभावित किया है..आंइस्टिन करते हैं धर्म के बिना विज्ञान अंधा है और विज्ञान के बिना धर्म लंगड़ा...कुछ दशक पहले तक विज्ञान धर्म को नहीं मानता था...और अब उसकी महत्ता को स्वीकार करता है...और अपने प्रत्येक इजाद पर धर्म की सार्थकता को स्वीकारता है...बताना चाहता हूं भारत प्रकृति पूजक देश है...शायद इस प्रकृति पूजा ने देश की आबो हवा को बचाकर रखा है...शांतिप्रिय देश होने के नाते यहां सबका सम्मान है...लेकिन लोग इसका बेजा प्रयोग कर रहे हैं...हमारी संस्कृति में सर्णान्ध का आगमन कुविचारों और अंधाधुंध पाश्चात्य समर्थन से आया है...बहुत कुछ कहना है...फिर कभी

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  3. ठीक कहा भास्कर भाई , अवैज्ञानिक धर्म टिकेगा नहीं ! अधर्मी विज्ञान भी नहीं चलेगा !

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  4. is desh main kutta, bille, ullu, chuha sab bhagwan hai..TO PANI KE JAM JANE MAIN BHI BHAGWAN NIKL AAYE TO ASHCHRAY KIYA........HERAN KARNE WALI BAAT YE HAI KI YE bhagwan tarko se pare HAI.......IN SE YE KOI NAHI PUCH SAKTA KI JAB PATAA BHI AAP KI MARJI SE HILTA HAI TO DESH KE ADHI AABADI BHUKHI KIYO SOTHI HAI..KIYA YE BHAGWAN KI MARJI HAI..............AAP KO JAN KAR ASCHARAY HOGA KI ...bhagwan per tark karne wale ka chanchal budhi ka kaha jata ....rahi sahi kasr ASHTA KA MAMLA BANA KE PURI KAR DE JATI HAI....................mera visvash hai ki nayi pedi tark karegi or sawal bhi............GALILIYO KO SALAM

    GOOD WORK.... HIMANSHU

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  5. सुकरात को क्यूं भूले भाई साहब? गैलीलियो को भी हमने ही मारा था और सुकरात को भी...हमने ही खिलाफ़त के वक्त कई दानिश्वरों के घर जलाये, आंखे फ़ोडी उन्हें सताया, दौडा दौडा कर मारा भी...ये सिलसिला आज भी है, उस अदालत में और इस अदालत में कोई खास फ़र्क नही जिसने अग्निवेश को फ़टकार लगायी....ये धर्म का माया जाल जब से शुरु हुआ है तब से इंसान बहुत व्यथित है, इससे पूर्व उसे कोई रोग न था, धर्म खुद एक रोग बन गया है इसका कोढ़ निकालना अब आवश्यक बन पडा है, शासक वर्ग के हाथ यह एक भयानक अस्त्र लगा है, जिसका मुकाबला करना कठिन तो है पर अंसभव नहीं, आप जैसे इस कार्य में बहुत लगे हैं, जरुरत है उन सब ताकतों को इकठ्ठा करने की, एकजुट होने की, तब आपके प्रहार में और बल आयेगा...जिस दिन १ लाख लोगों से सुप्रीम कोर्ट के सामने धर्म ग्रन्थ फ़ूंक डाले, तब किसी जज की हिम्मत नही होगी कि अग्निवेश जैसे लोगों को, आपको या मुझे कोई नज़र भी उठा कर देखे...

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  6. thanks ''sams'' and mohan... jo log brainwash hote hai unhe samjhaanaa badaa hee muskil hota hai...
    kaun see sanskriti kee baat karte hai ye log..?
    apne log sadiyon tak kutte billi kee tarah ''untouched'' hoker jeete rahe..
    bade washudhev kutumbkamb kee baat karte rahte ho...apne ghr ke logon ke chhoone se bhee ...''apavitra'' ho gye...
    is desh me ''SHAANTEE PRIYA'' hone ka matlab kya hai..? ki chupchaap har tarah kee hinsaa ko sahate raho..
    jaraa mazaak me hee ek hafte ''dalit'' ya ''muslim'' bankar dekho saaree ''non violence''
    kee poll khull jayegee...

    jawaharmukesh.

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  8. सच हथियार की तरह इस्‍तेमाल हो जाता है कई बार.

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  10. What you are saying is right ...but I want to clarify something that Galileo died after suffering from fever and heart palpitations, on 8 January 1642, aged 77.As Galileo was condemned by the Catholic Church for his theory ,so instead of burying him next to the tombs of his father and other ancestors, he was buried in a small room next to the novices' chapel He was reburied in the main body of the basilica near his father's tomb in 1737 after a monument had been erected there in his honour; during this move, three fingers and a tooth were removed from his remains. One of these fingers, the middle finger from Galileo's right hand, is currently on exhibition at the Museo Galileo in Florence, Italy.

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  11. Hindi me likhe lekh par english me comment dekar sway ko vidwan saabit karne ki chesta na karen......english likhne sebhi aapki maansik gulami aur vaicharik badbu kayam rahti hai

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  12. Aapki himat ki daad dete hain. sach bolne ke liy himmat haahiye.hi c

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  13. der se hi sahi,par tikega sirf satya hi.

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  14. आपके लोगों द्वारा हर दिन और जन अदालतें लगा कर ग्रामीण और लोगों की हत्या की जा रही है, उसका कारण और उसको किस श्रेणी में रखेंगे , आप बतायेंगे क्या....... सच कडवा होता है....... जो सिर्फ सच होता है....... उदहारण देकर बातें करना और सच बोलना दोनों में बहुत अंतर..........

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