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Tuesday, January 31, 2012

" राजद्रोह "

आज गांधी शांति प्रतिष्ठान में भारतीय दंड संहिता की धारा 124 a को समाप्त करने की मांग को लेकर एक राष्ट्रीय सम्मलेन हुआ ! इसमें देश भर से कार्यकर्त्ता आये थे !जो लोग किसानों , मजदूरों , आदिवासियों , महिलाओं ,छात्रों आदि के साथ काम करते हैं उन सब ने अपने अनुभव इस मीटिंग में सब के साथ बांटे !
आज जिस क़ानून को हटाने के लिये चर्चा हुई, यह कानून 'राजद्रोह' के अपराध के विषय में है ! आज़ादी से पहले तिलक और गांधी को इस क़ानून के तहत सजा हुई थी आज़ादी के बाद जो नाम अभी इस केस के कारण मशहूर हुआ वो है डाक्टर बिनायक सेन का !जिन्हें अभी हाल ही में इस क़ानून के तहत आजीवन कारावास की सजा छत्तीसगढ़ के एक जज ने सुनाई है ! आज की मीटिंग में डाक्टर बिनायक सेन भी आये हुए थे !
यह एक मजेदार क़ानून है ! इस क़ानून के मुताबिक " यदि कोई व्यक्ति सरकार के बारे में शब्दों या किसी भी और तरीके से अप्रीति (नफ़रत ) फैलाता है तो उस व्यक्ति को तीन साल से लेकर उम्रभर तक की कैद की सजा दी जा सकती है !" अब मजेदार बात् ये है कि जिस जनता ने सरकार बनाई है वही अपनी बनाई सरकार के बारे में कुछ नहीं कह सकती ! हांलाकि लोकतंत्र में जनता मालिक है सरकार की , लेकिन जनता अपनी सरकार को कुछ नहीं कह सकती !
Indian Penal Code, 1860
Section 124A: Sedition
According to the section of IPC , anyone who by words or expression of any kind brings or attempts to bring or provoke a feeling of hatred, contempt, or disaffection towards government established by law is culpable under the section for imprisonment from 3 years to lifetime with or without fine.
हांलाकि सरकार इस क़ानून का इस्तेमाल सरकार के हर आलोचक के खिलाफ नहीं करती !लेकिन जिनके खिलाफ इस क़ानून का इस्तेमाल किया जा रहा है! वो एक खतरनाक बात् है !
आज तमिलनाडु से सामजिक कार्यकर्ता श्री सुरेश आये थे ! सुरेश भाई वकील भी हैं ! उन्होंने बताया कि तमिल नाडू में गांव वाले कूदंकुलम में एक परमाणु संयत्र का विरोध कर रहे हैं ! क्योंकि परमाणु संयंत्र के लगने से मछली मरने लगती हैं ! पानी खतरनाक हो जाता है ! आस पास के लोगों में विकलांगता आने लगती है ! यहाँ तक कि बच्चे जन्म से ही विकलांग पैदा होने लगते हैं ! इसलिए स्थानीय निवासी इस संयंत्र के लगाने का विरोध कर रहे हैं !तो इसी हफ्ते सरकार ने आन्दोलन करने वालों में से तीन हज़ार गांव वालों पर राजद्रोह का मुकदमा ठोक दिया है ! यानी आप सुरक्षित जीने के अधिकार की मांग नहीं कर सकते !ये राजद्रोह है !
हरियाणा से एक और वकील पंकज भाई भी इस मीटिंग में आये हुए थे उन्होंने बताया कि हरियाणा में जींद जिले में पूनम नामक एक लड़की है ! उस पर तीन बार राजद्रोह का मुकदमा लगाया गया है ! अपराध क्या ? पहली बार उसने गाँव के दलितों के लिये आवाज़ उठाई कि कि इन्हें सरकार की ज़मीन खेती करने के लिये दो ! जो कि सरकार का क़ानून है ! तो पूनम को जेल में डाल दिया कि तुमने राजद्रोह किया है ! सबूत नहीं मिले तो ज़मानत पर छोडना पड़ा ! फिर वो शिक्षा को पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने के विरोध में छात्र आंदोलन में भाग ले रही थी ! फिर से उसे जेल में डाल दिया और फिर से उस पर वही राजद्रोह का मुकदमा लगा दिया गया ! तीसरी बार उसे पकड़ा गया कि इसने गाँव की दीवारों पर पर्चे चिपकाए हैं जिनमे लिखा है कि 'संसद सूअरों का बाड़ा है !'
उड़ीसा से आयी सामाजिक कार्यकर्त्ता ममता दाश ने बताया कि किस तरह जगतसिंहपुर में अपनी जमीन लेने का विरोध करने के कारण गांव की औरतों और बच्चों पर पांच सौ झूठे मुकदमे लगा दिये गये हैं !और गांव को पुलिस ने चारों ओर से घेर लिया है ! कोई डाक्टर गांव में नहीं जा सकता है और न ही गांव की औरतें गिरफ्तारी के डर से इलाज के लिये बाहर जा सकती हैं ! ये है आज़ाद भारत की तस्वीर ! कि विदेशी कम्पनी के लिये हम अपने लोगों को तड़पा तड़पा कर मार रहे है !
देश भर के लोगों ने आज अपने अनुभव रखे !इनसे साफ़ तस्वीर ये निकली कि आज आदिवासी , किसान , दलित जो समानता का अपनी जमीन को बचाने की मांग करने वाले ! और पैसे वालों के फायदे के बीच में आने वाला हर भारतीय राजद्रोही है ! यानी पैसे वाले ही राज्य हैं ! यही सरकार हैं और यही पैसे वाले ही देश हैं ! करोड़ों गरीब , किसान , मजदूर , अपना हक मांगने वाली महिलायें , छात्र राजद्रोही हैं !
और अगर ऐसाही है तो अब सरकार को जेलें बड़ी कर लेनी चाहियें ! और हम चाहेंगे कि वो राजद्रोहियों की सूची में हमारा नाम भी लिख ले !
"सच कहना अगर बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं "

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