मानवाधिकार कार्यकर्ता सुखनाथ ओयामी को आज दंतेवाड़ा जिला अदालत ने बाइज्ज़त बरी कर दिया ! सुखनाथ ओयामी हमारे साथ उजड़े हुए गांव को बसाने का काम कर रहे थे ! २८ अगस्त २००९ को जब सुखनाथ निर्दोष ग्रामीणों को थाने में बेवजह पकड़ लिये जाने पर बात् करने थाने में गये तो उन्हें भी पकड़ कर जेल में डाल दिया गया था ! उन पर काला कानून छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम लगा कर उन्हें नक्सली कहा गया ! और कहा गया कि इनके पास से बम मिला है ! हांलाकि अदालत में सारे गवाहों ने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है !आज अदालत ने सरकार द्वारा उन पर लगाए गये सारे आरोपों को बे-बुनियाद मानते हुए सुखनाथ ओयामी को स-सम्मान रिहा कर दिया !
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