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Saturday, April 21, 2012

अमिताभ बच्चन के नाम पत्र


आदरणीय अमिताभ जी,
आज मेरे एक मित्र की कृपा से दिल्ली में रिलायन्स मेट्रो में बैठने का मौका मिला | इस पूरी मेट्रो ट्रेन के बाहर और अंदर गुजरात के बारे में आपके विज्ञापन बने हुए हैं | आप विज्ञापन में कह रहे हैं कि “कुछ वक्त तो गुजारिये गुजरात में “| अमिताभ जी मैं गुजरात में कुछ वक्त गुजारना चाहता हूँ | परन्तु नरेन्द्र भाई मोदी मुझे गुजरात में रुकने नहीं देते | मुझे गुजरात से बाहर फेंक देते हैं ! आप पूछेंगे कि मेरी गलती क्या है? तो अमिताभ जी मुझसे गलती यह हो गई थी कि मैं गुजरात के साबरकांठा जिले के कुछ आदिवासियों के गांव में गया था और मैंने कुछ आदिवासियों से उनकी भयानक मुश्किलों के बारे में सुनने की गलती कर दी थी |
    अमिताभ जी, आप एक देशभक्त इंसान हैं, इसलिये प्लीज गुजरात के इन आदिवासियों के पास , सर्वाधिक प्राचीन सभ्यता के वारिसों के पास जाइये और उनसे उनकी तकलीफें सुनिये| और साथ में मिडिया को भी ले जाइये, मेरा दावा है नरेन्द्रभाई मोदी आपको भी पुलिस के मार्फ़त, उसी शाम गुजरात के बाहर जबरदस्ती फिंकवा देंगे, जैसे उन्होंने मुझे फिंकवाया था |
    क्या आपको पता है? गुजरात में लाखों आदिवासी किसानों को सरकार द्वारा वन अधिकार के लाभ से वंचित किया गया है? गुजरात में आदिवासियों को वन भूमि के नए पट्टे देने के बजाय उन्हें उनकी पुश्तैनी खेती की जमीनों से भी पीट-पीट कर भगा दिया गया है | मैं इस तरह के अनेकों परिवारों से मिला और मैंने मिडिया को इन घटनाओं के बारे में बताया | अख़बारों ने मेरी यात्रा के बारे में में एक लेख छाप दिया जिसका शीर्षक था “स्वर्णिम नो साचो दर्शन” अर्थात “गुजरात सरकार के स्वर्णिम गुजरात का सच्चा दर्शन” बस अगली सुबह पुलिस की तीन जीपें मेरे पीछे लग गयीं| पहले उन्होंने कहा कि मेरी हर मीटिंग में पुलिस मेरे साथ रहेगी, ऐसा “ऊपर” से हुकुम है | मैं सहमत हो गया लेकिन रात होते-होते एस.पी. भी आ गया और अन्त में आधी रात में मेरी साइकल पुलिस ने अपनी जीप के ऊपर लादी और मुझे बरसते पानी में महाराष्ट्र की सीमा के भीतर ले जाकर फेंक दिया | मैं धन्यवाद देता हूँ नरेन्द्र भाई मोदी को कि उन्होंने मुझे जान से मरवाया नहीं |
       आइये अमिताभ जी कुछ वख्त असली गुजरात में चलते हैं ! आइये अहमदाबाद के मुस्लिम शरणार्थियों के शिविर में चलते हैं ! यहाँ आपको कुछ माएं मिलेंगी , जिनकी छातियों का दूध सूख गया है , क्योंकि आँखों के सामने उनके बच्चों कों काट कर फेंक दिया गया था, और जो आज भी इस भयानक सच्चाई को स्वीकार नहीं कर पा रही है ! उन लड़कियों से मिलते हैं जिनके माँ पिता मारे जा चुके हैं ! उन नौजवानों की जलती आँखों में झाँक कर देखेंगे, जिनके सामने उनके पूरे परिवार को हमने जय श्री राम के नारे के उद्घोष के साथ जानवरों की तरह काट दिया और जिन्हें इस देश के न्याय तंत्र ने, इस देश की सरकार ने और हमारे समाज ने अपनी स्मृति से मिटा दिया है !
               देखिये, नरेन्द्र भाई मोदी की तारीफ ना इस बात में है कि गुजरात में सोमनाथ का मंदिर है, ना नरेन्द्रभाई मोदी की वजह से गीर में शेर होते हैं ! और ना ही नरेन्द्रभाई मोदी के कारण कच्छ में सफ़ेद रेत में चांदनी खूबसूरत होती है |  
           हाँ नरेन्द्र भाई मोदी के रहते हुए गुजरात के आदिवासी गांव में महिला भूख से मर जाये तो इसके लिये वो जिम्मेदार हैं| अगर गुजरात में आदिवासियों को जिन्दा रहने भर भी जमीन खेती करने के लिये ना दी जाये ! परन्तु २ लाख एकड़ जमीन आदानी, टाटा, अंबानी को दे दी जाये जिसमे सिर्फ ई.टीवी को एक लाख दो हजार एकड़ जमीन दे दी गई हो, तो इसकी जिम्मेदारी जरुर नरेन्द्रभाई मोदी की है |
       अमिताभ जी इस बार जब आप गुजरात जाएँ तो सामजिक कार्यकर्ताओं से मिलिएगा ! अमित जेठवा की मौत और अनेकों कार्यकर्ताओं कों माओवादी कह कर जेल में डाल देने के कारण गुजरात में सामाजिक कार्यकर्त्ता दहशत में हैं !
          आप भी इस बार कुछ समय बिताईयेगा अहमदाबाद की झोपडपट्टी में ! शहर चलाने वाले लाखों झोपडीवालों को साबरमती के किनारे से उनका घर तोड़कर मरने के लिये शहर से बाहर फेंक दिया गया है | उनके बच्चों ने हाथ जोड़ कर प्रार्थना की थी कि अंकल प्लीज़ हमारे घर मत तोडिये ! पर किसी ने नहीं सुना !
      तो अमिताभ जी क्या आप तैयार हैं असली गुजरात में कुछ वख्त बिताने के लिये ?
              

28 comments:

  1. सिर्फ ईटीवी को एक लाख एकड़ जमीन! आश्चर्य!

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    1. Bahut Sai Uljheustad..Vcadantewada Kawalnar Ashram ...u r just a Modi opposer none other than that..

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  3. Bahut sahee chot kee hai.. Paap ka ghada bharta hai.. - R.Satin

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  4. godhra kand v to rss or narendra modi ne hi karwaya tha....or kashmir me agar panditon k Sather jo hua us ki asli jimmewar is desh ki sena hai...

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    1. Excellent!!!
      U are a real Indian. U solved all questions...
      Mai to kehta hoo, ke poore dunia me janha bhee terror attack ho rahe hai, RSS, BJP and Modi he kerva rahe hai. Hai na?

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    2. Ramnath..U r truly Nuts. Go read some history and put ur comment on congress site..they are in search of next diggy.

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    3. रामनाथ, आज अविनाश दास ने अपने स्टेटस में पूछा था कि कम्युनिष्ट क्यों अप्रासंगिक हो गये हैं? जब तुम्हारे जैसे बेशर्म कमीने लोग कम्युनिष्ट हैं तो फिर क्यों ये लोग अप्रासंगिक न होंगे? मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा कि कोई व्यक्ति तुम्हारी तरह बेशर्म और कमीना हो सकता है!
      कभी शीशे के आगे खडे होना, अगर शर्म न आये तो अपनी मां से पूछना कि तुम्हारा असली बाप कौन है? वैसे जैसे तुम हो उसे देखकर लगता है कि तुम्हारी मां को भी तुम्हारे असली बाप का नाम पता नहीं होगा.

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    4. शिष्टता आपका अपना परिचय है

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    5. He is using foul words. It is bad. Bur better than using guns. He is speaking with the same conviction as you.....

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    6. Writter, Kya aap ki manavta 1984 ke peediton ko nahin dekhti?? kya aap Apne MP gas kand ke peediton ke bare me likhe hain?? Modi ke bare me toh sab likh rahe hain.. Kabhi sheela ki bat kariye..Kabhi Maharashtra ki bat kariye..agar sahi me patrakaar hain toh. Waise bhi congress desh ko khanabadosh bana di aur agar koi insaan kuch accha kaam karta hai toh aap jaise log use neecha dikha kar upar udna chahte hain. Sara media congress ke naam bik gaya hai.

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  5. Commenters are missing a point - the writer wants an inclusive deomcracy, which is an oxymoron, because democracy by definition means 51% wins and 49% must give way.

    Development needs land, India does'nt have enough. Development means encouraging the rich, poor feel it should not be at their cost.

    There are thousands of such conflicts that will occur. It is no-one's case that there should be no conflicts - the point is how are these conflicts resolved? Through methods that create win-win, or methods that mean suppression of voices?

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  6. या तो आप(मीडिया) मोदी के पक्ष में बोलेंगे या विरोध में किन्तु घूमेंगे मोदी के इर्द-गिर्द ही..

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    1. मोदी इस देश का सबसे बड़ा अपराधी हे ,इसको बेनकाब तो करना ही होगा ... !

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    2. अज्ञात महोदय , आपने मोदी के पापो की तरह अपने आप को क्यों छुपा रखा हे ! शेतान मोदी की तरह सच का सामना करने का साहस क्यों नहीं हे आप में ... !

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  7. नरेन्द्र भाई मोदी से कोई अपनी तारीफ करवा ले तो वो थकते नहीं है, और जो मुद्दे है या जो भी आरोप लगे है उन पर , उस पे कुछ नहीं बोलेंगे, की क्यों छीनी आदिवासियों की जमीन या अम्बानी को क्यों दिए २०००० करोड़ के गैस के कुएं फ्री में

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  8. Har sikke ke do pahlu hotehain. Narendra bhai Modi ke hain to aapke bhi jarur honge. Antar sirf itna hai ki Narendra Bhi Modi ko to main janta hun unke dwara kiya gaye vikas karyo se aur aappko bas itna janta hun ki aap Narendra Bhi Modi ke vikas ke aginst mein kuchh likha hai....

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    1. महा माननीय अज्ञात महोदय , नरेन्द्र भाई के विकास के पहले काश आपने गुलबर्ग सोसायटी ,नरोदा पाटिया और सम्पूर्ण गुजरात में उनके महा विनाश को देखा होता तो इस ५६ इंच की छाती वाले नर पिशाच का असली चेहरा भी आपको नज़र आ जाता .. !

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  9. kutto ka bhaunkna or haathi ka chalna.. ye to sadiyon se hota aaya hai.. sabhya bhaasha me lagaataar jhuth ka prachaar karna to koi khangressio se sikhe..

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  10. in chutiyon ko delhi ki ya mumbai ki jhuggiyan nahin dikhti?

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  11. हा हा हा दिखती हैं . लेकिन उसके कारण गुजरात की दिखनी बंद नहीं हो जातीं . ही ही ही

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    1. The above comment shows your level....why are you not talking about other communal riots in Gujarat during Pre Modi regime? Why are you not talking about millions of Hindu families who suffered earlier. Thousands of Hindus can die in this country but if one Muslim dies....every one will start being secular. Because of people like you, Hindus are suffering despite being a majority community.

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  12. श्रीमान अज्ञात महोदय , अगर नरेन्द्र भाई गुजरात में इतने ही लोकप्रिय हे तो ज़रा एक दिन के लिए बगैर ब्लैक कमांडो के अहमदाबाद की सडको पर निकल के बता दे .... !

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    1. Dear Shabbir,

      If you can afford to do the same for MMS, Sonia Gandhi and Rahul in Delhi....then only you speak such rubbish!!

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  13. Amitabh is just a brand ambassador... Just like actresses pose for lux , dabur etc. Writting a letter to him makes no sense. He's not in any authority to do anything except shoot another ad for gujrat tourism... And by promoting tourism, he's only doing good coz our whole country needs to develop tourism as tourism is a major revenue generator. Interesting fact that the no. Of foreign tourists visiting a tiny country called Sri lanka is TWICE the no. Of tourists visiting the whole of gigantic India. Surprising huh ?? Even that little no. Of tourists visiting india has depleted further down to 30% less after the recent rape and molestation cases in india. India, even after blessed with such natural beauty and variety, is losing its charm infront of world. At the same time losing a lot of money. Many countries thrive on the tourism department as one of their main income source.The initiative that MP and Gujrat govt. Has taken is worth applauding. I'd say to the writer of the blog that don't pull Amitabh into it intending to take advantage of his popularity. As i already said, he's an actor and he's just doing what he's asked to. Now coming to your writing on modi... Maybe ur experience wit tribals are right.. Lets suppose... But i've travelled to Gujrat several times and stayed for long enough with locals. Firstly i failed to find any place that i can call village, every little so called village i crossed had internet cafe, dish tv, clean well maintained road, superb transport service, well looked after tourist spots. Most importantly, its safe for women to go out even at odd hours. The development i've seen in Gujrat can not be matched by any other state in the country. Its an example for every state to follow.My friends and relatives proudly call it, 'Garvi Gujrat'.

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  14. Please give a balanced picture. Criticize Modi by all means. Criticize those Naxalites also who are killing innocent people and the Security Forces just because they are wearing uniform of India. They also have their families to fend and ailing parents to look after. They killed many of them and then said 'Sorry'. Matter finishes ?

    Ask the same questions from the J&K Govt when Kashmiri Pandits were thrown out from their homes or Sikhs of Chittisinghpura...what did the Secular Govt of the state or Center do ?...Have guts to face the truth. You are not the only ones bothered about downtrodden people. There are others too who do not call themselves 'intellectuals' or want media to call them so.

    Your heart never bleeds for the thousands of Sikh families after 1984 or thousands of hindu families from Punjab during Sikh terrorism. Real pain is not only what you describe. Pain knows no cast or creed. So ....balance is the word.

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  15. अमिताभ एक भाट है पैसे फेंको तमाशा देखो....पहले पेप्सी फिर दन्त मंजन फिर मुलायम सिंह का उत्तर प्रदेश जिसमे बहरूपिया किसान की भूमिका की थी. इसका अपना कोई वजूद नहीं है. फेंकू के पास पैसा है सो भाण्ड मिरासी उसे इकट्ठे करने में कोई दिक्कत नहीं है...आदिवासी आदिवासी ये कौन हैं ? इसे न संघी मोदी चश्मा लगा कर देख सकता न मूढ़ अमिताभ और न गुजराती लम्पट मध्य वर्ग. नोट गिनो और ऐश करो ...

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  16. you are just black spot on the name of writer mr. Vcadantewada Kawalnar Ashram. you are like a person who try to find out the dustbin in the 7 start hotel. definable u will find some bad smell in dustbin even if it is of 7 start hotel then u will start crying that there is smell in 7 start hotel so it is not real 7 start hotel. seems u forgot Bhopla Gas episode, 26/11 mumbai and everything that happening in J&K daily.

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