Pages

Wednesday, November 21, 2012

जलती हुई बस्तियों के बारे में बात करना राजद्रोह सिद्ध कर दिया गया है



हद है मुझे मेरे उदार होने के लिये गाली दी जा रही है 
कहा जा रहा है कि चूंकि मेरे विधर्मी अनुदार हैं 
इसलिये मेरा उदार होना अब धरम विरुद्ध है 

अब मेरा सारा वैज्ञानिक चिंतन 
धरम विरोधी और राष्ट्र विरोधी सिद्ध किया जा रहा है 

क्रूर हत्यारे और मूर्ख लफंगे 
आदेश देने की हैसियत में हैं 
उनकी आँखों के इशारे से हमारी फौजें 
हमारी बेटियों को नंगा कर रही हैं 
अब बेटियों के पक्ष में बोलना 
विदेशी शक्तियों के हाथों में खेलना 
घोषित कर दिया गया है

गुदगुदी गद्दियों पर पसरे हुए 
मोटे थुलथुले सेठों ने 
कामुक फौजियों को गंदे इशारे कर के अपने साथ मिला लिया है 
सेनाएं बस्तियां जला रही हैं 
और सेठ मुस्कुरा रहे हैं 

अब जलती हुई बस्तियों के बारे में बात करना 
राजद्रोह सिद्ध कर दिया गया है 
कवियों , फकीरों और पागलों को 
देश के लिये खतरा घोषित कर दिया गया है 

दूर किसानों की बस्तियों में 
साल भर मेहनत से उगाए अनाज को बच्चों के लिये 
बचाने के वास्ते जांबाज़ नौजवान 
फ़ौजी हमलों के सामने अपना सीना अडा कर खडे हो गये हैं 
सरकार द्वारा उन्हें आंतरिक सुरक्षा के लिये सबसे बड़ा खतरा घोषित कर दिया गया है 

लेकिन ये अन्त नहीं हो सकता  
इस मुल्क के नए नए सफर का
मुझे मालूम है ये शुरुआत है 

मैं गुस्से में हूं पर मायूस नहीं हूं 
क्योंकि अभी लौटा हूं 
दूर जली बस्ती से
जहां से जोशीले गीतों की आवाजें आ रही है  
मैंने देखा है भूखे बच्चों ने 
बस्ती जलाने वाले
कुछ भाड़े के फौजियों की बंदूकें छीन ली है 

देश में आपत्तिकाल घोषित कर दिया गया है 
और मोटे सेठ , धार्मिक हत्यारे और भाड़े के फौजी घबराए हुए हैं 




No comments:

Post a Comment