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Friday, April 26, 2013

आज जहां राष्ट्रपति भवन है वहाँ पहले रायसीना गाँव था

दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस से कहा है कि दिल्ली में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों पर नज़र रखी जाय क्योंकि कोर्ट को लगता है कि ज्यादातर अपराध दिल्ली के बाहरी राज्यों से आये हुए लोगों द्वारा किये जा रहे हैं .

क्या दिल्ली में अब दो हैसियत के लोग होंगे ? एक वो जिन को पुलिस विश्वसनीय नागरिक मानेगी ये वो लोग होंगे जो दिल्ली में ज्यादा लंबे समय से रह रहे हैं .

दूसरी हीन हैसियत के वो नागरिक होंगे जो मेहनत मजदूरी करने दिल्ली में कुछ बाद में आये हैं , या वो जो कुछ समय दिल्ली में मजदूरी करने आते हैं और फिर वापिस अपने गाँव में जाकर अपनी खेती करते हैं . अब ऐसे सभी गरीब लोगों को पुलिस संदेहास्पद मानेगी और उन पर निगरानी रखेगी .

वैसे तो दिल्ली में ज्यादातर लोग बाहर से ही आकर बसे हैं . दिल्ली के मूल निवासियों का गाँव तो तोप से उड़ा दिया गया था .

आज जहां राष्ट्रपति भवन है वहाँ पहले रायसीना गाँव था जहां के ग्रामीणों के गाँव को उजाड़ने का विरोध करने के कारण अंग्रेजों ने गाँव को तोप के गोले दाग कर उजाड दिया था .

वैसे तो दिल्ली की मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश की है .

राष्ट्रपति बंगाल का है .

प्रधानमंत्री पंजाब का है .

पुलिस कमिश्नर बिहारी है .

मैं छत्तीसगढ़ का हूं .

खैर मुझे मालूम है कि ऊपर लिखे लोगों को बाहरी नहीं माना जायेगा .

लेकिन दिल्ली मेट्रो बनाने वाले , ऑटो , टैक्सी चलाने वाले , सब्जी वाले , फल बेचने वाले , सडक और मकान बनाने वाले मजदूर, बिहार , उत्तर प्रदेश , हरियाणा ,झारखण्ड , मध्य प्रदेश , और सारे भारत से आये हुए हैं .

अब पुलिस इस मूर्खता पूर्ण अदालती फैसले के बाद इन गरीबों पर अपना डंडा चला सकती है .

इन गरीबों का ना आधार कार्ड बनता है , ना राशन कार्ड बनता है , ना इनका घर कोई पक्का ठिकाना ही बन पाता है .

अब इनसे पुलिस की रिश्वत वसूली भी तेज हो सकती है .

मुझे याद आ रहा है एक बार हमारे देश के वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने कहा था कि वो एक ऐसे भारत का सपना देखते हैं जिसमे पिच्चासी प्रतिशत भारतीय गाँव छोड़ कर शहरों में रहने आ जायेंगे .

आजादी के बाद के इस नए भारत में आपका स्वागत है जिसमे एक कोर्ट अपने नागरिकों के बीच भेदभाव करने का संविधान विरोधी फैसला देने की जुर्रत कर सकता है .

देखते हैं गाँव को लूट लूट कर शहरों को अमीर बनाने के बाद इन शहरों को कितने दिन सुरक्षित रख पाती हैं ये सरकारें और इनकी ये अदालतें ?

ये दिन तो आना ही था ,

जब आप अपने ही देश के गाँव वालों और गरीबों की ज़मीन और मेहनत का फल छीन कर शहरों में भर लेंगे तो एक दिन आपको अपने ही देश के सारे गरीब अपने दुश्मन ही लगेंगे .

हुज़ूर अभी आगे आगे देखिये होता है क्या ?

लाजिम है कि हम भी देखेंगे .
http://www.hindustantimes.com/India-news/NewDelhi/Keep-eye-on-people-from-outside-Delhi-high-court-tells-cops/Article1-1050103.aspx

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