सेठ जी फिल्म बनाते हैं .
फिल्म में एक्टर काम करता है
सेठ जी के पैसे से एक्टर किरकेट की टीम खरीदता है
किरकेट के खिलाड़ी सेठ जी की फैक्ट्री का माल बेचते हैं
सेठ जी के दोस्त किरकेट के खिलाड़ियों के खेलने पर लोगों से सट्टा लगवाते हैं
जज साहब का बेटा किरकेट में सट्टा लगता है
सेठ जी चुनाव नेता जी को खर्चा देते हैं
सेठ जी को ज़मीन देने के लिये नेता जी पुलिस को भेजती है
पुलिस लड़कियों के गुप्तांगों में पत्थर भरती है
जज साहब सेठ जी की कम्पनी के शेयर खरीदते हैं
जज साहब खामोश रहते हैं
नेता जी खामोश रहते हैं
किरकेट देखने वाले सब लोग खामोश रहते है
वो लड़की रो रही है
जज साहब शेयर पर मुनाफा कमा रहे हैं
चुनाव हो रहे हैं
पुलिस वाले अब
दूसरी लड़किया खोज रहे हैं
बाकी लोग किरकेट देख रहे हैं
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