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Wednesday, September 4, 2013

"पति की हत्या की शिकायत मानवाधिकार आयोग में भेजी तो सुरक्षा बलों ने पत्नी को भी गोली मार दी। "


"पति की हत्या की शिकायत मानवाधिकार आयोग में भेजी तो सुरक्षा बलों ने पत्नी को भी गोली मार दी। "
 
आप सब को अगर याद हो तो मैंने जुलाई महीने में कोंडा सावली गाँव की एक खबर आप लोगों के साथ बांटी थी। 

कोंडासावली गाँव के लोग जिला सुकमा, छत्तीसगढ़, के कलेक्टर से मिले थे। 

इन गाँव वालों ने कलेक्टर को एक अर्जी दे कर बताया था कि सलवा जुडूम के हमलों के समय सुरक्षा बलों और विशेष पुलिस अधिकारियों ने मिल कर उनके गाँव में छह आदिवासियों की हत्या कर दी थी। इन सुरक्षा बालों ने पिच्चानवे आदिवासियों के घरों में आग लगा दी थी। 
एक महिला को विशेष पुलिस अधिकारी उठा कर जगर गुंडा थाने में ले गए थे।  उस महिला के साथ बलात्कार किया और फिर उसे मार डाला।  गाँव वालों को उसकी लाश  भी नहीं दी गयी थी। 
गाँव वालों ने इसी साल जुलाई में यह शिकायत कलेक्टर को दी।  करीब तीन हफ्ते बाद सुरक्षा बल शिकायत करने वाले गाँव वालों को सबक सिखाने पहुँच गए।  तेरह अगस्त को सुरक्षा बलों ने फिर से कोंडा सावली गाँव में जा कर हमला किया। 

सभी आदिवासी जान बचाने के लिए जंगल में भागे।  लेकिन एक महिला जो ४२ साल की थी भाग नहीं पायी। उसे सुरक्षा बलों ने गोली मार दी। उस आदिवासी महिला का नाम बारसे नंदे था।  उसके पति को बारसा नंदा को तीन साल पहले सुरक्षा बलों ने मार डाला था। 

इस गाँव के लोगों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को भी अपनी अर्जी भेजी थी।  इसी बात से खफ़ा होकर सुरक्षा बलों ने अब एक और आदिवासी महिला को मार डाला है। 




1 comment:

  1. Heinous... hum shaher ke log haath pe haath dhare baithe rehte hai... chai ki chuski ke saath balatkar aur hatya ki khabaron ka lutf uthaate hue.

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