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Wednesday, October 16, 2013

भुट्टू


भुट्टू तीस साल का है . गाँव लिसाड जिला मुज़फ्फर नगर में रहता है  . गाँव में सुबह सुबह हल्ला शुरू हुआ तो भुट्टू ने घर से बाहर निकल कर देखा कि मुसलमानों की बस्ती में घरों में आग लगाईं जा रही है . सब लोग भाग रहे थे . भुट्टू ने अपनी पत्नी से चिल्ला कर कहा जल्दी से भाग चल . भुट्टू की पत्नी ने साल भर की सोई हुई बेटी को छाती से लगाया और भुट्टू के साथ आकर खड़ी हो गयी .भुट्टू ने अपने चार साल के बेटे को उठाया . और पत्नी का हाथ पकड़ कर खेतों की तरफ भागा .
गन्ने की फसल खेतों में खड़ी थी . भुट्टू और उसकी पत्नी गन्ने के खेतों में घुस गए . वे दोनों एक खेत से दुसरे खेत से होते हुए उस इलाके से निकलने की कोशिश कर रहे थे . 
काफी देर खेतों में भागने के बाद पति पत्नी की सांस फूल गयी . भुट्टू की एक साल की बेटी भूख से रो रही थी . भुट्टू ने पत्नी से कहा कि मैं बाहर निकल कर देखता हूँ , शायद आस पास कहीं दूध मिल जाय .दोनों बच्चों को पिला देंगे .
भुट्टू की पत्नी ने भुट्टू का हाथ पकड़ लिया . उसने कहा मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगी . भुट्टू और उसकी पत्नी डरते डरते गन्ने के खेत से बाहर निकले . तभी कोई जोर से चिल्लाया ' ओ देखो मुल्ले लोग यहाँ छिपे हुए हैं '' भुट्टू और उसकी पत्नी बचने के लिए भाग कर वापिस गन्ने के खेत में घुस गए . 
लेकिन चारों तरफ से लोगों के पैरों की आवाजें आने लगीं थी . किसी ने चिल्ला कर कहा 'ये रहे वो लोग '. उन लोगों के हाथों में तलवारें , फरसे और लाठियां थीं . 
भुट्टू और उसकी पत्नी डर कर काँप रहे थे . दंगाइयों ने भुट्टू और उसकी पत्नी को खेत से बाहर निकाला . खेत से बाहर निकलते ही एक आदमी ने भुट्टू के चार साल के बेटे जुबेर पर तलवार चला दी . तलवार भुट्टू के हाथ पर लगी . लेकिन तलवार का अगला हिस्सा भुट्टू की गोद में पकडे हुए बेटे के कान में लगा . चार साल के के जुबेर का चेहरा लहुलुहान हो गया . एक आदमी ने भुट्टू की बीबी की पीठ पर जोर से लाठी मारी .भुट्टू की पत्नी आयशा बिना आवाज़ किये ज़मीन पर गिर गयी . आयशा की गोद की एक साल की बेटी दूर जा गिरी . भुट्टू अपनी पत्नी को बचने के लिए दौड़ा . तभी भुट्टू के सर पे पीछे से किसी ने फरसे से वार किया . भुट्टू लहुलुहान हो गया . भुट्टू के सर पर एक वार और हुआ . किसी ने भुट्टू के पाँव में जोर से लोहे की राड से हमला किया . भुट्टू बेहोश होकर ज़मीन पर गिर गया .
दंगाइयों को लगा कि भुट्टू का पूरा परिवार मर गया है . वे लोग भुट्टू के परिवार को वहीं छोड़ कर चले गए . करीब एक घंटे बाद .भुट्टू को होश आया . उसने देखा उसकी पत्नी बेटी को गोद में लेकर पास में बैठ कर रो रही है . चार साल का जुबेर अभी भी बेहोश था . भुट्टू को डर लगा कि शायद उसका बेटा मर जायेगा .
भुट्टू ने अपनी पत्नी से कहा चल भाग . भुट्टू ने बेहोश बेटे को गोद में लिया पत्नी का हाथ पकड़ा और फिर से गन्ने के खेतों में छिप कर आगे बढ़ने लगा  . अब शाम का अधेंरा होने लगा था . भुट्टू ने अपनी पत्नी और बच्चों को खेत में बैठाया और बच्चों के लिए कुछ खाने के लिए खेत से बाहर निकला .
खेत के कोने में एक गड्ढे में कुछ पानी था .भुट्टू ने उसमे से पत्ते के दोने में पानी लिया और पत्नी और बच्चों के पास आया . बेटे के मुंह पर पानी छिड़का . बेटा जुबेर कुनमुनाया और उसने आँखें खोल दीं . बच्ची को पानी पिलाया . अब भुट्टू ने सारी रात चलने का फैसला किया . भुट्टू और उसकी पत्नी सारी रात बच्चों को गोद में लेकर खेतों में छिपते हुए आगे बढते रहे . सुबह होने को थी . अब उन्हें कांधला कसबे की लाइटें दिखाई देने लगीं . भुट्टू कांधला से परिचित था . उसने बस अड्डे की एक दूकान से अपनी जान पहचान के कालेज में पढ़ने वाले एक रिश्तेदार को फोन किया . वो मोटर साइकिल लेकर आया . उस लड़के के साथ भुट्टू सपरिवार कांधला में ईदगाह में बनाये गए राहत शिविर में आ गया . 
मैं पिछली बार कांधला गया तो भुट्टू से मिला . वो मुझे बड़ा प्यारा सा इंसान लगा . मैंने पूछा आपका बेटा अब कैसा है . भुट्टू ने कहा कि वो अभी भी नींद में कहता है कि "अब्बा जी चोर मार रहे हैं ".
भुट्टू कहता है अब मैं कभी अपने गाँव वापिस नहीं जाऊँगा . मुझे उन्होंने मारा जो मुझे अच्छी तरह जानते थे .
  

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