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Wednesday, August 13, 2014

आर्थिक और राजनैतिक व्यवस्था

आपका जन्म एक अमीर और बड़ी ज़ात वाले के घर में हुआ
इसलिए आपको पढ़ने की सहूलियत मिली
आप को अपने जन्म की जगह की वजह से पैदाइशी राजनैतिक ताकत मिली
आपको जन्म की जगह की वजह से पैदाइशी सामाजिक रुतबा मिल गया
एक बच्चा एक गरीब छोटी ज़ात वाले के झोंपड़ी में पैदा हुआ
उसे गरीबी की वजह से काम पर जाना पड़ा
वह स्कूल में नहीं पढ़ पाता
वह मेहनत के बावजूद मजदूर ही बना रहता है
उसकी कोई राजनैतिक ताकत भी नहीं है
वह सामाजिक तौर पर भी छोटा माना जाता है
आपका जन्म अगर अमीर घर में हुआ है
तो आप अब गरीब का घर सरकारी बुलडोजर लगवा कर तोड़ सकते हैं
आप उस के घर को जब चाहे अवैध कह सकते हैं
राष्ट्र के विकास के नाम पर उसकी ज़मीन अमीर उद्योगपति छीन कर ले सकते हैं
आपका धर्म इस सब के विरुद्ध नहीं है
आपकी राजनीति इसे उचित मानती है
आपकी सभ्यता इसे सही मानती है
आपका धर्म आपकी राजनीति और और आपकी सभ्यता अमीर की तरफदारी में बनी है
इसे बनाया ही ताकतवर तबके ने है
इसलिए यह धर्म ,राजनीति और सभ्यता इस अन्याय को चुनौती देती ही नहीं हैं
आपका यह धर्म ,यह राजनैतिक व्यवस्था और सभ्यता बिलकुल अवैज्ञानिक और क्रूर है
इसलिए आपका धर्म ,राजनीति और सभ्यता हथियारों के दम पर ही टिकाया गया है
जिस दिन इस धर्म ,राजनीति और सभ्यता के पास
पुलिस और सेना की हिंसक ताकत नहीं होगी
उस दिन मेहनत करने वाला खायेगा
मेहनत करने वाला ही मकान बना पायेगा
मेहनत करने वाले की ही इज्ज़त होगी
बिना इस राजनैतिक आर्थिक और सामजिक व्यवस्था की मदद के आप बैठे ठाले
बड़े मकानों वाले
ठूंस ठूंस कर पीज़ा खा खा कर मोटे होने वाले
इज्ज़तदार अमीर बन ही नहीं सकते
इसलिए हमारी सारी बेचैनी यही है कि इस राजनैतिक
आर्थिक
और सामजिक
धार्मिक
सभ्यता
वाली व्यवस्था को कैसे बदल डालें
इस धार्मिक, आर्थिक और राजनैतिक व्यवस्था के रहते
दुनिया में
न्याय
प्रेम
और शांति
आ ही नहीं सकती

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