भारत में अंग्रेजों का शासन था
अँगरेज़ मानते थे कि अच्छा इंसान वह होता है जो अच्छे कपड़े पहनता है
उसे अँगरेज़ जेंटलमैन कहते थे
अंग्रेज़ी राज के खिलाफ़ लड़ने वाले ज्यादातर नेता भी अंग्रेजों जैसे कपड़े पहन कर अंग्रजों जैसी साहबी से रहते हुए अंग्रेजों का विरोध करते थे .
शुरुआती कांग्रेसी नेता भी अपने घरों में नौकरों से काम करवाते और साहबों जैसा जीवन जीना आदर्श समझते थे .
गांधी जब राजनीति में आये
तो गांधी ने कहा कि अगर हम अंग्रेजों का विरोध करते हैं तो हमें अंग्रेजों के तौर तरीके भी छोड़ने पड़ेंगे .
गांधी ने कहा कि भारत के लोग गोरे शासकों को अपने सर से उतार कर भारतीय साहबों को अपना शासक क्यों बनाएंगे ?
इसलिए अगर हमें इस देश के सच्चे प्रतिनिधि बनना है तो हमें गाँव में गरीबों के साथ जाकर उनके खेतों में खड़ा होना पड़ेगा .
गांधी ने खुद ऐसे कपड़े पहनने शुरू किये जिससे इस देश का गरीब भी यह मानता था कि यही आदमी मेरी तकलीफ समझ सकता है .
गांधी के असर से सारे नेताओं ने अंग्रेज़ी कपड़े , और सूट बूट पहनना छोड़ दिया और खादी और भारतीय कुरता पाजामा इस देश के नेताओं की जैसे यूनिफार्म ही बन गयी .
गांधी ने भारत की राजनीति का भारतीयकरण किया .
परसों भारतीय प्रधान मंत्री मोदी साहब ने एक सूट पहना था .
जिस सूट पर सोने के तारों से मोदी साहब के नाम की हजारों बार कशीदेकारी करी हुई थी .
इस तरह की कशीदेकारी एक विदेशी कंपनी करती है .
इस कंपनी ने मिस्र के तानाशाह होस्नी मुबारक के लिए भी मोदी साहब जैसा ही सूट बनाया था .
चार साल पहले उस वख्त उस सूट की कढाई में करीब सात लाख रूपये का खर्च आया था .
अब महंगाई कुछ बढ़ गयी है तो खर्च करीब दस लाख रुपया आया होगा .
भारत की गरीब जनता का प्रतिनिधी दस लाख रूपये का सूट पहनेगा .
यह दस लाख रूपये मोदी साहब ने अपनी तनख्वाह से तो सिलवाया नहीं होगा .
भारत सरकार ने भी इस सूट का भुगतान नहीं किया होगा .
तो इस सूट को किसी अमीर उद्योगपति ने ही मोदी साहब को खरीद कर दिया होगा .
उस अमीर उद्योगपति ने भी यह पैसा अपनी कंपनी में रसीद काट कर खर्च नहीं किया होगा .
यानी यह सूट ब्लैक मनी से खरीदा गया होगा .
उस उद्योगपति ने यह सूट मोदी साहब से अपने प्यार की वजह से नहीं दिया होगा .
वह उद्योगपति ज़रूर दस लाख का सूट देने के बाद बदले में भारत के प्रधानमंत्री से अपना कुछ फायदा भी चाहेगा .
सूट देने वाला उद्योगपति चाहेगा कि भारत का प्रधानमंत्री उसे खनिजों के लिए ज़मीन छीन कर दे दे जिससे वह उद्योगपति मुनाफा कमा सके
भारत का प्रधानमंत्री भारत के अर्ध सैनिक बलों को भेजेगा कि जाओ आदिवासियों को मार कर भगाओ और ज़मीने खाली कराओ .
इस सब में आदिवासी औरतों के साथ बलात्कार होंगे बच्चे मारे जायेंगे
इस सब में आदिवासी भी मारे जायेंगे और सीआरपीएफ के सिपाही भी मारे जायेंगे .
दोनों ही गरीब नागरिक हैं
गरीब नागरिकों को आपस में लड़वा कर अपना मुनाफा बनाने में मदद देने का काम भारत का प्रधानमंत्री करवाएगा ?
इतना कीमती सूट पहनना आपका अपना शौक नहीं माना जा सकता
यह एक सार्वजानिक अपराध है
यह सूट रिश्वतखोरी का एक गन्दा मामला है
भारत का प्रधानमंत्री रिश्वत के पैसे से बनाए गए सूट का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं कर सकता
इस आदमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ होनी चाहिये
और इससे पूछा जाना चाहिये कि दस लाख रूपये का यह सूट किसने दिया है ?
कोर्ट मेरे इस लेख का संज्ञान ले और मुक़दमा शुरू करे .
यह एक व्यक्ति के शौक का नहीं इस देश की करोड़ों गरीब जनता के भविष्य का मामला है .
अँगरेज़ मानते थे कि अच्छा इंसान वह होता है जो अच्छे कपड़े पहनता है
उसे अँगरेज़ जेंटलमैन कहते थे
अंग्रेज़ी राज के खिलाफ़ लड़ने वाले ज्यादातर नेता भी अंग्रेजों जैसे कपड़े पहन कर अंग्रजों जैसी साहबी से रहते हुए अंग्रेजों का विरोध करते थे .
शुरुआती कांग्रेसी नेता भी अपने घरों में नौकरों से काम करवाते और साहबों जैसा जीवन जीना आदर्श समझते थे .
गांधी जब राजनीति में आये
तो गांधी ने कहा कि अगर हम अंग्रेजों का विरोध करते हैं तो हमें अंग्रेजों के तौर तरीके भी छोड़ने पड़ेंगे .
गांधी ने कहा कि भारत के लोग गोरे शासकों को अपने सर से उतार कर भारतीय साहबों को अपना शासक क्यों बनाएंगे ?
इसलिए अगर हमें इस देश के सच्चे प्रतिनिधि बनना है तो हमें गाँव में गरीबों के साथ जाकर उनके खेतों में खड़ा होना पड़ेगा .
गांधी ने खुद ऐसे कपड़े पहनने शुरू किये जिससे इस देश का गरीब भी यह मानता था कि यही आदमी मेरी तकलीफ समझ सकता है .
गांधी के असर से सारे नेताओं ने अंग्रेज़ी कपड़े , और सूट बूट पहनना छोड़ दिया और खादी और भारतीय कुरता पाजामा इस देश के नेताओं की जैसे यूनिफार्म ही बन गयी .
गांधी ने भारत की राजनीति का भारतीयकरण किया .
परसों भारतीय प्रधान मंत्री मोदी साहब ने एक सूट पहना था .
जिस सूट पर सोने के तारों से मोदी साहब के नाम की हजारों बार कशीदेकारी करी हुई थी .
इस तरह की कशीदेकारी एक विदेशी कंपनी करती है .
इस कंपनी ने मिस्र के तानाशाह होस्नी मुबारक के लिए भी मोदी साहब जैसा ही सूट बनाया था .
चार साल पहले उस वख्त उस सूट की कढाई में करीब सात लाख रूपये का खर्च आया था .
अब महंगाई कुछ बढ़ गयी है तो खर्च करीब दस लाख रुपया आया होगा .
भारत की गरीब जनता का प्रतिनिधी दस लाख रूपये का सूट पहनेगा .
यह दस लाख रूपये मोदी साहब ने अपनी तनख्वाह से तो सिलवाया नहीं होगा .
भारत सरकार ने भी इस सूट का भुगतान नहीं किया होगा .
तो इस सूट को किसी अमीर उद्योगपति ने ही मोदी साहब को खरीद कर दिया होगा .
उस अमीर उद्योगपति ने भी यह पैसा अपनी कंपनी में रसीद काट कर खर्च नहीं किया होगा .
यानी यह सूट ब्लैक मनी से खरीदा गया होगा .
उस उद्योगपति ने यह सूट मोदी साहब से अपने प्यार की वजह से नहीं दिया होगा .
वह उद्योगपति ज़रूर दस लाख का सूट देने के बाद बदले में भारत के प्रधानमंत्री से अपना कुछ फायदा भी चाहेगा .
सूट देने वाला उद्योगपति चाहेगा कि भारत का प्रधानमंत्री उसे खनिजों के लिए ज़मीन छीन कर दे दे जिससे वह उद्योगपति मुनाफा कमा सके
भारत का प्रधानमंत्री भारत के अर्ध सैनिक बलों को भेजेगा कि जाओ आदिवासियों को मार कर भगाओ और ज़मीने खाली कराओ .
इस सब में आदिवासी औरतों के साथ बलात्कार होंगे बच्चे मारे जायेंगे
इस सब में आदिवासी भी मारे जायेंगे और सीआरपीएफ के सिपाही भी मारे जायेंगे .
दोनों ही गरीब नागरिक हैं
गरीब नागरिकों को आपस में लड़वा कर अपना मुनाफा बनाने में मदद देने का काम भारत का प्रधानमंत्री करवाएगा ?
इतना कीमती सूट पहनना आपका अपना शौक नहीं माना जा सकता
यह एक सार्वजानिक अपराध है
यह सूट रिश्वतखोरी का एक गन्दा मामला है
भारत का प्रधानमंत्री रिश्वत के पैसे से बनाए गए सूट का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं कर सकता
इस आदमी के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ होनी चाहिये
और इससे पूछा जाना चाहिये कि दस लाख रूपये का यह सूट किसने दिया है ?
कोर्ट मेरे इस लेख का संज्ञान ले और मुक़दमा शुरू करे .
यह एक व्यक्ति के शौक का नहीं इस देश की करोड़ों गरीब जनता के भविष्य का मामला है .
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