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Tuesday, December 15, 2015

भारत के प्राचीन काल्पनिक चित्र

आज अगर आप किसी कालेज या महंगे इलीट इंस्टीट्युट में जाकर युवा से बात करेंगे
तो आप पायेंगे कि युवा संघ की भाषा बोल रहा है
एक तरफ युवा भारत के किसी शानदार अतीत की बात करता है
और मानता है कि प्राचीन भारत में सब कुछ शानदार था
युवा मानता है कि बाद में भारत में मुसलमान आये
इससे भारत का पतन हो गया
इसी के कारण भारत में जातपात, पर्दा प्रथा, बाल विवाह शुरू हुआ और भारत गरीब हो गया
युवा यह भी मानता है कि अब हमें फिर से भारत को पुराने गौरवशाली स्थान पर पहुंचाना है
जिसके लिए मोदी जी मेहनत कर रहे हैं
लेकिन ये कम्युनिस्ट, कांग्रेसी और विदेशी पैसे से पलने वाले एनजीओ मोदी जी के रास्ते में रोड़े अटका रहे हैं
आइये एक एक चीज़ पर बात करते हैं
क्या भारत में पहले सब कुछ शानदार था ?
क्या भारत के अतीत में बस राजा और ऋषी मुनी ही थे
क्या भारत के वेद में या किसी शास्त्र पुराण में किसानों , कारीगरों, दासों का कोई वर्णन मौजूद है ?
नहीं भारत के प्राचीन काल्पनिक चित्र में किसान , कारीगर , आदिवासी , गुलाम हैं ही नहीं .
जबकि सच्चाई यह है कि प्राचीन भारत में आर्य भारत के मूल निवासियों की हत्याएं कर रहे थे .
प्राचीन भारत में हम जिन असुरों, दानवों, राक्षसों को मार रहे थे वे सब भारत के आदिवासी थे .
हमने बड़े पैमाने पर मूल निवासियों पर हमला करके उन्हें गुलाम बना लिया और उन्हें मरे हुए जानवरों को घसीटने , सफाई करने और हीन कामों में लगा दिया
हमने इन गुलामों की अलग बस्तियां बनाईं
इसी लिए आप देखेंगे कि आज भी दलितों की बस्तियां अलग होती हैं
हमने मूल निवासियों की सारी ज़मीनों पर कब्ज़ा कर लिया
इसलिए भारत के अस्सी प्रतिशत दलित आज भी भूमिहीन हैं
हमारे देश में आज भी मेहनत करने वाली सभी जातियां नीच जातियां मानी जाती हैं
इसलिए हमारी संस्कृति में काम करने वाले नीच माने जाते हैं
मुझे समझ नहीं आता
इस संस्कृति में गर्व करने वाली कौन सी बात है
मुझे यह भी समझ नहीं आता कि इसमें महान क्या है ?
इसलिए भारत के बच्चों को हम जब तक भारत का सच्चा इतिहास नहीं पढ़ाएंगे
तब तक बच्चे इस सोच से आज़ाद नहीं हो सकेंगे
और तब तक भारत के दलित , आदिवासी और मेहनतकश जातियों के साथ सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक न्याय नहीं किया जा सकता
इसलिए आजकल मैं युवाओं के बीच इन मुद्दों पर बात कर रहा हूँ

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