सुना है मोदी जी पर्यावरण में बदलाव से चिंतित होकर पेरिस में क्लाइमेट चेंज पर होने वाली एक मीटिंग में भाग लेने गए हैं .
अभी कुछ ही दिन पहले तो मोदी जी बस्तर गए थे और वहाँ लोहे के एक कारखाने की आधारशिला रख कर आये हैं .
लोहे के कारखाने का विरोध करने के लिए डेढ़ लाख आदिवासियों ने एक रैली निकाली थी लेकिन किसी ने उस पर कोई ध्यान नहीं दिया .
लोहे के कारखाने देखे हैं आपने कभी ?
लोहा जब खोदा जाता है तो वहाँ से भयंकर लाल रंग की धूल उडती है
वो धूल अगर आपकी सांस के अंदर चली जाय तो आप खांस खांस कर मर जायेंगे दुनिया का कोई डाक्टर आपको ठीक नहीं कर सकता
लोहे को खोदने के बाद फैक्ट्री तक पहुंचाने के लिए ट्रक या ट्रेन में लादा जाता है
उससे पहले लोहे को धोया जाता है
उससे पहले लोहे को धोया जाता है
धोने से जो धूल मिट्टी निकलती है उसे नदी में डाल दिया जाता है
नदी की तली में ये गाद जमा हो जाती है
जानवर नदी में पानी पीने जाते हैं तो वे उस गाद में फंस कर मर जाते हैं
नदी के किनारे रहने वाले उस पानी में नहा नहीं सकते उससे चमड़ी के रोग हो जाते हैं
इस लाल नदी के पानी से खेतों में सिंचाई भी नहीं करी जा सकती क्योंकि इसमें घुली हुई लोहे की मिट्टी से फसल मर जाती है .
यह लाल मिट्टी उड़ कर फसलों पर जमा हो जाती है
फसलें उगाना असम्भव हो जाता है
यानी जहां से लोहा निकाला जाता है वहाँ के लोगों की जिंदगी तबाह हो जाती है
तकलीफ देह बात यह है कि यह लोहा लोगों की ज़रूरत के हिसाब से नहीं निकाला जाता
यह विदेशी कंपनियों के लिए मुनाफा कमाने के लिए अंधाधुंध खनन कर के कच्चा लोहा बाहर भेजा जा रहा है
जापान को जो कच्चा लोहा भेजा जा रहा है जापान उसे समुन्द्र में जमा कर रहा है ताकि भविष्य में उसे बेच सके
भारत जापान के भविष्य के लिए अपने लोगों का जीवन क्यों बरबाद कर रहा है यह आप हमें समझाइये ?
क्या सारा लोहा इसी पीढ़ी के लिए है ?
क्या आने वाले बच्चों के लिए लोहा नहीं बचाना है ?
मुनाफे के लिए अपने देश की नदी मिट्टी पानी को बर्बाद करना ही तो समस्या है
तो समस्या की जड़ तो आप ही हो
आप समस्या पर चिंता व्यक्त करने के लिए पेरिस क्यों जा रहे हो ?
यह तो ढोंग है
आप ही समस्या पैदा करो और आप ही समाधान के लिए बड़ी बड़ी बातें बनाओ
जो लोग देश की हवा , नदियाँ , मिट्टी को बचाने के लिए काम कर रहे हैं
उन्हें रोज़ आपकी पुलिस पीटती है
हवा , नदियाँ , मिट्टी को बचाने वालों को आपकी ही सरकार जेलों में डालती है
हवा , नदियाँ , मिट्टी बचाने की कोशिश करने वाली आदिवासी महिलाओं से आपकी पुलिस बलात्कार करती है
हवा , नदियाँ , मिट्टी बचाने वाली आदिवासी महिलाओं के गुप्तांगों में आपकी ही पार्टी के राज में पत्थर ठूसे जाते हैं
हवा , नदियाँ , मिट्टी बचाने वाली संस्थाओं की लिस्ट आपकी ही आईबी तैयार करती है
आप सचमुच चितित हैं तो रिहा कर दीजिए सारे निर्दोष आदिवासियों को जेल के बाहर
सारे राजनैतिक कैदियों को रिहा कर दीजिए जिन्हें लोगों की ज़मीनों और देश के संसाधनों की लूट के विरुद्ध आवाज़ उठाई और जेल में ठूंस दिए गए हैं
अंकित गर्ग और कल्लूरी से राष्ट्रपति पदक वापिस ले लीजिए
सोनी सोरी को वीरता पुरस्कार दीजिए क्योंकि उसने आदिवासियों के साथ मिलकर देश के संसाधनों को बचाने की लड़ाई शुरू करी और सारा सरकारी अत्याचार बहादुरी के साथ अपने शरीर पर झेला
जाइए आदिवासियों से भाजपा सरकार की क्रूरता के बारे में माफी मांग लीजिए
आप चाहें तो ज़रूर इस देश की हवा पानी मिट्टी और नदियों को बचा सकते हैं
लेकिन आप ऐसा करेंगे नहीं
क्योंकि जिस अदाणी नें आपको चुनाव में मुल्क में घूम घूम कर जुमले फेंकने के लिए मुफत का हवाई जहाज़ दिया था
वह अपनी कीमत ज़रूर वसूलेगा
आप उसके अहसान उतारने के लिए उस अदाणी को समुन्द्र तट और पूरे के पूरे गाँव सौंप रहे हैं
अपने मुल्क में तबाही आप खुद ही फैलाएं
और पेरिस जाकर आंसू बहाएं
यह आप किसे बेवकूफ बना रहे हैं ?
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