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Saturday, July 30, 2016

अपने देश का हिस्सा

हरियाणा में तीन बलात्कार के आरोपियों को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया
उन आरोपियों ने जेल से बाहर आकर पीड़ित लड़की के साथ फिर से सामूहिक बलात्कार किया
इन अपराधियों को शायद पकड़ लिया जायेगा
पूरे देश में कोई भी इन बलात्कारियों के पकड़े जाने और इन्हें जेल में डालने का विरोध नहीं करेगा
मैं भी आपको बिल्कुल ऐसा ही मामला बताऊँगा
लेकिन मेरे किस्से में देश बलात्कारियों के समर्थन में खड़ा है
मेरे किस्से में सरकार कोर्ट समाज कोई भी बलात्कार पीडित लड़कियों की तरफ नहीं है
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के सामसेट्टी गांव में चार आदिवासी लड़कियों के साथ पुलिस वालों ने सामूहिक बलात्कार किया
लड़कियों ने कोर्ट में बलात्कारियों के खिलाफ अपने बयान दर्ज करवा दिये
सुकमा कोर्ट नें आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ वारंट निकाल दिये
पुलिस ने कोर्ट में जवाब दिया कि आरोपी पुलिस वाले फरार हैं
जबकि सभी आरोपी बलात्कारी थाने में रह रहे थे और हर महीने वेतन ले रहे थे
बलात्कारी पुलिस वालों में से एक तो पुलिस अधीक्षक का बाडी गार्ड ही था
हिन्दुस्तान टाइम्स नें छापा "फरार लेकिन ड्यूटी पर मौजूद "
इस बीच मैं दिल्ली आकर तत्कालीन केन्द्रीय गृह मन्त्री पी चिदम्बरम से मिला
मैनें चिदम्बरम को बलात्कार पीड़ित लड़कियों के बयान वाली सीडी दी
चिदम्बरम नें मेरे साथ धोखा किया
चिदम्बरम ने वह सीडी रमन सिंह को सौंप दी
रमन सिंह के आदेश पर 4OO सिपाहियों के साथ
बलात्कारी पुलिस वालों नें चारों बलात्कार पीड़ित लड़कियों का अपहरण किया और उन्हें दोरनापाल पुलिस थाने ले गये
पुलिस ने चारों पीड़ित लड़कियों के साथ पांच दिन तक थाने में दोबारा सामूहिक बलात्कार किया
पांच दिन तक मैं चिदम्बरम , गृह सचिव जी के पिल्लै , छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव , पुलिस महानिदेशक , कलेक्टर , पुलिस अधीक्षक को मदद के लिये फोन करता रहा
किसी नें उन चारों लड़कियों की मदद नहीं करी
अन्त में पुलिस नें चारों लड़कियों को लाकर गांव के चौराहे पर फेंक दिया ,
पुलिस नें गांव वालों को चेतावनी दी कि अब के बाद अगर हिमांशु से बात भी करी तो पूरे गांव को आग लगा दी जायेगी
बड़ी कम्पनियों के लिये ज़मीने छीनने के लिये कांग्रेस और भाजपा की सरकारें मिल कर आदिवासी माहिलाओं
से बलात्कार करवा रही हैं
ताकि आदिवासी डर कर अपना गांव छोड़ कर भाग जायें
मैं खुले आम नाम लेकर , आदिवासी लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार के मामले में , भारत के काग्रेसी गृह मन्त्री और छत्तीसगढ़ के भाजपाई मुख्य मन्त्री का नाम ले रहा हूँ
इन लोगों में हिम्मत है तो ये लोग मुझ पर मुकदमा करें
लेकिन मैं जानता हूँ कि इन में ऐसा करने की हिम्मत नहीं है
क्योंकि ये लोग जानते हैं कि मैं अपनी सच्चाई साबित करने के लिये पीड़ित लड़कियों और सारे गांव वालों को कोर्ट के सामने पेश कर दूँगा
अगर आप पर कोई हमला करे तो आप पुलिस या सरकार के पास जायेंगे
लेकिन अगर पुलिस और सरकार ही आप पर हमला करे तो आप क्या करेंगे ?
हमने आदिवासियों के पास अपना जीवन और सम्मान बचाने का कोई रास्ता ही नहीं छोड़ा है
भारत का विकास बलात्कारों के आधार पर ही आगे बढ़ सकता है
किसी विकासवादी में दम हो तो एक भी ऐसी विकास परियोजना का नाम बता दे
जिसमें पुलिस यानि बन्दूकों का इस्तेमाल ना किया गया हो
अगर आप थोड़ा और कुरेदेंगे तो आपको अपने सिपाहियों द्वारा गरीबों के घर जलाने , बलात्कार हत्याओं और क्रूरताओं की वहाँ के लोगों के सीने में दफन कई कहानियाँ मिलेगी
लेकिन हम शहरियों को इन हारते और पिटते लोगों के पास जाने का मौका ही कहाँ मिलता है ?
पता नहीं हम लोग इन लोगों को अपने देश का हिस्सा कब स्वीकार करेंगे ?

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