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Sunday, July 3, 2016

मुठभेड़ हुई थी तो हड्डियाँ कैसे टूट गयीं ?


पुलिस ने आदिवासी लड़की का अपहरण किया , उसके साथ बलात्कार किया और फिर उसकी हत्या कर दी थी
कल उस लड़की की लाश का पोस्ट मार्टम किया गया
पोस्ट मार्टम छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के आदेश पर किया गया
डाक्टरों ने उसके पूरे शरीर का एक्सरे किया
क्योंकि परिवार वालों का कहना था कि हड्डियां टूटी हुई थी
सवाल यह है कि अगर लड़की नक्सली थी और सचमुच में उसके साथ पुलिस की मुठभेड़ हुई थी
तो हड्डियाँ कैसे टूट गयीं ?
अगर शरीर पर गोलियों के निशान हैं तो वर्दी पर गोलियों के निशान क्यों नहीं हैं
लड़की की गर्दन कटी हुई थी
मुठभेड़ में गर्दन कैसे कट गयी ?
बहुत सारे सवाल हैं जो पुलिस की कहानी को आविश्वसनीय बनाते हैं
उधर पुलिस असली मामले पर से ध्यान भटकाने के लिये नई चालाकी कर रही है
पुलिस कह रही है कि मारी गई लड़की के माता पिता जो अदालत में पेश हुए है वो नकली हैं
पुलिस नें मारी गई लड़की के वकील को नोटिस दिया है और कहा है कि कागजात पेश करो कि लड़की के मां पिता असली माता पिता हैं
यानी अगर आदिवासी के पास कोई सरकारी कागज ना हो तो वह अपनी मारी गई बेटी को अपनी बेटी नहीं कह सकते
पुलिस दावा कर रही है कि इस लड़की के असली माता पिता तो नक्सलवादी हैं
पुलिस बेकार की मेहनत कर रही है
क्योंकि अगर थोड़ी देर के लिये पुलिस की बात सच भी मान ली जाय कि मारी गई लड़की के मां बाप नक्सलवादी हैं
तो भी पुलिस को यह हक नहीं है कि वह उनकी बेटी के साथ बलात्कार करे
कल पुलिस ने लड़की के माता पिता के वकीलों की गाड़ी को रोका और दो घन्टा थाने में बैठा कर रखा
पुलिस इस मामले से जुड़े लोगों के दिमाग पर दहशत डालना चाह रही है
पोस्ट मार्टम के लिये गये पुलिस बल के एक अधिकारी मुदराज नें मारी गई लड़की के गांव के परिवार और गांव के आदिवासियों को घमकी दी है कि तुम लोगों नें हमारे खिलाफ कोर्ट में शिकायत करने की हिम्मत करी है इसलिये जब हम लाश वापिस करने गांव में आयेंगे तो तुम लोगों का पहले से भी बुरा अंजाम करेंगे
लड़ाई आदिवासियों की हिम्मत और सरकार की क्रूरता के बीच है
इन लड़ाइयों की विशेषता यह है कि भले ही इन लड़ाइयों में क्रूर सत्ता जीत जायें
लेकिन इतिहास मारे गये लोगों को विजेता घोषित करता है
हूल विद्रोह या जलियांवाला में भले ही अंग्रेज और जनरल डायर थोड़ी देर के लिये जीते हुए दिखाई दिये
लेकिन इतिहास ने विजेता हत्यारों को कूड़ेदान में फेंक दिया
और मार डाले गये लोगों को अमर विजेता घोषित कर दिया
आदिवासियों का महान संग्राम जिन्दाबाद
जालिम सरकार मुर्दाबाद

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