लखापाल एक आदिवासी गांव है
यह गांव छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में है
परसों यानी 8 जुलाई को सुबह सुबह सुरक्षा बलों नें गांव पर धावा बोला
सुरक्षा बलों ने आदिवासियों के घरों में घुस कर घरों में रखा हुआ पैसा लूट लिया
तेलाम जोगा बकरे बेचने का धन्धा करता है उसके घर में 6O हजार रुपये थे
सभी आदिवासियों के घरों से कुल मिला कर एक लाख चालीस हजार रुपये सुरक्षा बलों द्वारा लूटे गये
इसके बाद सुरक्षा बल छ्ह आदिवासियों को पकड़ कर ले गये
पकड़ कर ले जाये गये आदिवासियों में सरकारी
आश्रमशाला में पांचवी कक्षा में पढ़ने वाला 14 वर्ष का जोगा भी शामिल है
आश्रमशाला में पांचवी कक्षा में पढ़ने वाला 14 वर्ष का जोगा भी शामिल है
जबकि पकड़ कर ले जाये गये एक दूसरे बुजुर्ग आदिवासी सोना की उम्र 7O वर्ष है
पुलिस ने सभी आदिवासियों को जेल में डाल दिया है
पुलिस ने आदिवासियों के पास से एक लाख रुपये नगद होने का केस बनाया है
यहां भी पुलिस चालीस हजार रुपया खुद खा गई
पुलिस ने जो मामला बनाया है उनमें इन आदिवासियों के पास से एके 47 के दो खाली कारतूस और गन पाउडर, साहित्य, पत्र और पटाखे बरामद बताया है
यह सभी सामान पुलिस के पास हमेशा उपलब्ध रहता है
पुलिस के झूठ की पोल इस बात से खुलती है कि अगर पुलिस को इतनी बड़ी सफलता सचमुच मिली थी तो मीडिया को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी गई
पीड़ित परिवारों द्वारा एक पत्रकार से संपर्क करने पर फोन द्वारा मिली जानकारी के आधार पर छोटी सी खबर अन्दरूनी पन्ने पर छपी है
आदिवासियों को भयभीत करके उनकी जमीनों पर कब्ज़ा करने और तरक्की के लालच में निर्दोष आदिवासियों को फंसाने का काम छत्तीसगढ़ में जोर शोर से चल रहा है
हम इस मामले में पीड़ित आदिवासियों की मदद करने के लिये अपने वकील दोस्तों से संपर्क कर रहे हैं ၊
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