Friday, August 1, 2014

वर्तमान

वर्तमान ही रुका हुआ है 
हमेशा से 

हम वर्तमान में ही पैदा हुए 
वर्तमान में ही बड़े हुए 
वर्तमान में ही मर जायेंगे 

वर्तमान में जीते जीते 
सूरज और तारे 
बारी बारी 
अपनी छांव डालते हैं हम पर 

कोई अतीत नहीं होता 
बस स्मृतियाँ होती हैं 
इन्ही स्मृतियों के आधार पर 
करते हैं हम कल्पनाएँ 
उसे हम भविष्य कहते हैं 

समय नहीं चलता 
ध्यान से देखिये 
वर्तमान रुका हुआ है हमेशा से 

इसलिए हर बदलाव वर्तमान में होता है 
धर्म वर्तमान में होता है 
क्रांति वर्तमान में होती है 

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