Monday, October 3, 2011

" किस्सा एक बहादुर लड्के, एक डरे हुए मुख्यमन्त्री, और फ़रार् पुलिस विभाग का "






छत्तीसगढ़ में इस समय पुलिस विभाग छिपता फिर रहा है !दंतेवाडा में उसकी पोल बीच सड़क पर खुल गयी है! अपनी झेंप मिटाने के लिए वहाँ की पुलिस रोज एक नई गप्प मारती है कि बह लिंगा कोडोपी के मामले में और लोगों से पूछताछ कर रही है ! उधर पुलिस का ही एक अधिकारी फोन पर यह कबूलता हुआ पकड़ लिया गया है कि इस मामले में चूंकी एस्सार कंपनी भी फंसी हुई है इसलिए वो सबको खरीद लेगी ( सबको ?) ! और इसके बाद सब कुछ ठीक हो जायेगा ! पुलिस का अधिकारी फोन पर लिंगा की बुआ से कैमरे पर यह कहते हुए पकड़ा गया है कि "हाँ ये सच है कि पुलिस ने लिंगा कोडोपी और एस्सार के ठेकेदार बी के लाला को दोनों के अपने अपने घरों से उठाया है" और पुलिस ने हमेशा की तरह एक झूठी कहानी बना कर प्रचार कर दिया कि दोनों को पैसे का लेन देन करते समय पकड़ा ! अंतराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पत्रिका "तहलका" ने पुलिस के इस पूरे षड्यंत्र का भंडाफोड कर दिया है ! पुलिस का रायता अब जबकि बीच सड़क पर फ़ैल गया है ! पुलिस अपनी झेंप मिटाने के लिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के घरों पर हमला कर के अपनी बेईज्ज़ती पर से लोगो का ध्यान हटाना चाहती है ! ऐसा ही एक हमला छत्तीसगढ़ की पुलिस ने राजस्थान की विख्यात सामाजिक कार्यकर्त्ता कविता श्रीवास्तव के घर पर ३ अक्टूबर की सुबह किया ! पुलिस ऐसा कर के हमें डराने की कोशिश कर रही है ! ये वही कविता श्रीवास्तव हैं जिहोने अबूझमाड़ के जंगलों में जाकर पांच पुलिस के सिपाहियों को नक्सलियो की कैद से छुडाया था ! जबकि सरकार ने उन गरीब सिपाहियों की रिहाई के लिए कोई प्रयत्न नहीं किये थे ! आज वही कविता श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ पुलिस के हमले का शिकार हो रही है ! कविता की अनुपस्थिति में एक ट्रक भर हथियार बंद पुलिस वालों ने कविता के ८२ वर्ष के बूढ़े पिता को शारीरिक कष्ट पहुचाया और घर का सामान तहस नहस कर दिया! क्या बस इस तरह की हरकत कर के तुम जीत गए ? और हम डर गए ? चलो हम भी तैयार हैं कल मेरे घर आ जाना !

छत्तीसगढ़ में एक बुरी तरह डरा हुआ मुख्य मंत्री भी है ! वो बिनायक सेन से डरता है ! वो लिंगा कोडोपी से डरता है! वो सोडी शंबो नाम की घायल महिला से डरता है ! और तो और वो डेढ़ साल के हाथ कटे आदिवासी बच्चे कर्तम सुरेश से भी डरता है! वो बलात्कार पीड़ित लड़कियों से डरता है ! जले हुए गावों में किसी के जाने की खबर से कांपने लगता है ! जैसे राक्षस की जान तोते में होती थी इसकी जान दंतेवाडा में इन जलाये हुए गावों में है ! ये मुख्यमंत्री जानता है कि जिस दिन इन गावों की हकीकत बाहर आ जायेगी उस दिन मिस्टर रमन सिंह जेल में चक्की पीसिंग एंड पीसिंग ! तो लिंगा गया जलाये हुए गावों में ! यानी वो पहुँच गया उस तोते के पास , जहां राक्षस की जान है ! इसलिए राक्षस ने राजकुमार को कैद कर लिया !
अब किस्सा बहादुर लड़के का ! जिसका नाम लिंगा कोडोपी है ! उसने दिल्ली में बी बी सी के लिए काम किया ! उसे कई चैनलों से नौकरी के आकर्षक आमंत्रण थे ! पर उसने अपने लोगों के लिए जंगल में काम करने का फ़ैसला किया ! वो जनता था इसमें जान जाने का और कैद हो जाने का खतरा है ! लेकिन वो अपने उस डर के पार जाना चाहता था ! अब लिंगा अपने डर के पार चला भी गया है ! हम यह नहीं कह रहे कि लिंगा के पास कोई अलौकिक शक्तियां हैं कि वह जेल से उड़ कर बाहर आ जायेगा ! ये डरा हुआ मुख्यमंत्री उसको वहीं मरवा सकता है या बहुत सारे नकली मामले बना कर उसे जेल में ज़िंदगी भर रख सकता है ! लेकिन अब एक बात तय है ! रमन सिंह को कुर्सी से हट जाने के बाद कुछ सालों में लोग भूल जायेंगे, लेकिन अब लिंगा बस्तर का नया नायक है ! वह लोगों की कहानियों में जिंदा रहेगा ! नए नौजवान वैसा बनने की कोशिश करेंगे! लिंगा की कहानी अब शुरू हो रही है !

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