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Sunday, January 6, 2013

आपके पास बस एक मिनिट है


मैंने अपने लिए बनाया था लोकतंत्र !
अपनी संसद ,
अपनी बेटी की रक्षा के लिए पुलिस, 
अपनी अदालत, जिसमे मैं तुम्हे पेश कर दूं ,
जब भी मुझे गुस्सा आये तुम पर !
पर तुमने सब छीन लिया मुझ से ! 
 अब ना संसद मेरी, ना पुलिस ना अदालत !
सब तुम्हारे !
अब मुझे फिर वापिस चाहिए अपना बनाया हुआ लोकतंत्र !
कहाँ से शुरू करूं?
क्या है मेरे सबसे नज़दीक ?
ओह ये तो तुम्हारी बंदूकें हैं ! जिन्हें तुमने मुझे मेरे लोकतंत्र से दूर रखने के लिए ,
मेरे घर के दरवाजे पर तैनात कर दिया है ! 
तो अपना लोकतंत्र वापिस लेने के लिए, मुझे भी मजबूरन शुरुआत करनी होगी 
वहाँ से जो मेरे सबसे करीब है !
 मेरे सब से करीब तुम्हारी बंदूकें हैं ! 
जल्दी से फैसला करो !
इससे पहले की मैं तुम्हारी सारी बंदूकें छीन लूं और फिर से कब्ज़ा कर लूं !
अपने लोकतंत्र पर !
आपके पास बस एक मिनिट है !
आपका समय शुरू होता है अब !


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