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Saturday, July 19, 2014

विकास का माडल शैतानी माडल

किसे किसे वो सब साथी याद हैं जिन्हें हमारे ही दौर में इसलिए जेलों में डाल दिया गया है क्योंकि उन्होंने गरीबों की ज़मीन जंगल और पानी की लूट के खिलाफ आवाज़ उठाई .

प्रशांत राही , हेम मिश्रा और सैंकडों दलित और आदिवासी परिचित और अनाम साथी आज भी जेलों में पड़े हैं .

सत्ता पर पैसे वाले लुटेरों का कब्ज़ा है . इन लुटेरों की लूट का विरोध करने वालों को जेल में डाला जा रहा है .

जो काम ईस्ट इण्डिया करती थी , व्यापार का संरक्षण और जनता पर हमला , वही काम अब हमारी सरकार खुले आम कर रही है .

आप जानते हैं आज हमारे ज्यादातर सिपाही कहाँ हैं ?

हमारे सिपाही आदिवासी इलाकों में भेज दिए गए हैं .

क्या हमारे सिपाही जंगलों में आदिवासियों की रक्षा करने के लिए गए हैं ?

नहीं सिपाही अमीरों की कंपनियों के लिए जंगल की खदानों , पहाड़ों , नदियों पर कब्ज़ा करने गए हैं .

और ये सिपाही जंगल में रहने वालों के साथ क्या कर रहे हैं उसका नमूना बीच बीच में आप सोनी सोरी ,आरती मांझी और सरकेगुडा में बच्चों के संहार के रूप में देख ही लेते हैं .

हमें बताया गया है कि विकास के लिए यह दमन ज़रूरी है .

गांधी ने कहा था कि अगर भारत अंग्रेजों का विकास का माडल अपनाएगा तो भारत को एक दिन अपनी ही जनता से युद्ध करना पड़ेगा .

कहा जाता है कि अंग्रेज़ी राज में कभी सूरज नही डूबता था .

लेकिन एक अँगरेज़ ने ही लिखा था कि अंग्रेज़ी राज में कभी खून भी नही सूखता .

अँगरेज़ सारी दुनिया के संसाधन लूटते थे और उसके लिए अपने सिपाहियों का प्रयोग करते थे .

गांधी ने कहा कि अंग्रेजों ने तो अपने इस तरह के विकास के लिए सारी दुनिया पर हमला किया .

गांधी ने कहा अंग्रेजों का यह विकास का माडल शैतानी माडल है .

यह विकास का माडल ज़्यादा उपभोग और दूसरे के संसाधनों को छीनने पर आधारित है .

लेकिन अगर भारत भी अंग्रेजों के विकास का माडल अपनाएगा तो भारत किसके संसाधन छीनेगा ,और भारत किस पर हमला करेगा .

गांधी ने कहा कि एक दिन आप अपने ही गरीब देशवासियों पर हमला कर बैठेंगे .

गांधी ने कहा इस विकास के माडल में से सिर्फ युद्ध निकलेगा .

आज हमारी सेना आदिवासी इलाकों में पहुँच चुकी है .

भारत के अमीर लोग भारत के गरीब इलाकों में सेना भेज रहे हैं और आपको अभी भी नही लगता कि हम गृह युद्ध की तरफ बढ़ रहे हैं ?

सोचिये आज ही सोचिये कि क्या भारत को अपने विकास की दिशा के बारे में फिर से नही सोचना चाहिए ?

जो विकास देश में हिंसा बढाए हमें वैसा विकास चाहिए या जो शांति बढाए वो विकास अपनाना चाहिए ?

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