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Saturday, July 19, 2014

चेतन भगत

चेतन भगत नामक यह लेखक कह रहा है कि गाज़ा में जो हो रहा है वह सही नही है लेकिन दुःख के साथ कहना पड़ता है कि आतंकवादीयों और उनके समर्थकों को सही सबक सिखाने का यही तरीका है 

यह तो इस्राइली हमलों का समर्थन ही हुआ .

क्या चेतन भगत को मालूम है कि किसी की ज़मीन पर हथियारों के दम पर कब्ज़ा करना आतंकवाद है जो कि इस्राईल ने किया है .

क्या इस लेखक को पता है कि अपने जिंदा रहने के लिए अपनी ज़मीन को आज़ाद कराने के लिए इस तरह के कब्ज़े का विरोध करना लोगों का जन्मसिद्ध अधिकार और कर्तव्य भी है ?

क्या इस लेखक को पता है कि इन निहत्थे लोगों के के जीवन पर होने वाले इस्राइली हमलों से इन फिलिस्तीनियों को बचाने के लिए अमरीकी और यूरोपीय नौजवान लड़के लडकियां आकर मानव कवच के रूप में इन निहत्थे लोगों के साथ रहते हैं ?

क्या इस लेखक को मालूम है कि इस तरह के अहिंसक सत्याग्रह करने वाले दसियों आदर्शवादी नौजवानों की हत्या इस्राईल कर चुका है ?

क्या यह लेखक यह जानता है कि किसी दूसरे की गलती की सज़ा किसी दूसरे को नही दी जा सकती . इसलिए हमास के लड़ाकों का बदला लेने के लिए इस्राईल फिलीस्तीनी बच्चों की हत्या नही कर सकता ,और इस तरह निर्दोषों को किसी दूसरे के अपराधों की सज़ा देने को किसी भी तर्क द्वारा सही सिद्ध नही किया जा सकता .

यह तो बिलकुल ऐसा ही होगा जैसे कि नक्सलियों से बदला लेने के लिए भारतीय सिपाही सोनी सोरी के शरीर में पत्थर भर देते हैं , आरती मांझी के साथ बलात्कार करते हैं , मणिपुर में मनोरमा के गुप्तांगों में छत्तीस गोलियाँ दाग देते हैं कश्मीर में लड़कियों से बलात्कार करते हैं और फिर इस लेखक जैसे लोग इन बलात्कारों का समर्थन करते हैं और कहते हैं कि नक्सलवाद से निपटने के लिए तो हमें ऐसा करना ही पड़ेगा .

क्योंकि इस तरह के मूर्खता पूर्ण क्रूर तरीकों से आप कभी भी सहमति, शांति और सामान्य अवस्था तक नही पहुँच सकते .

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