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Wednesday, February 11, 2015

राजनैतिक परिवर्तन का सन्देश

कल दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत हुई .
मोदी और उसकी पार्टी की शर्मनाक हार हुई .
इसका असर क्या क्या हो सकता है 
कल बिनायक सेन से भी इस बाबत मेरी बात हुई 
बिनायक का भी मानना है कि यह बस एक पार्टी की जीत से भी ज़्यादा बड़ी घटना है 

मोदी बस एक आदमी नहीं है 
वह एक पूरी विचारधारा है 
बस्तर में मोदी की जीत से ज़रा पहले 
सुरक्षा बलों के अधिकारी गाँव में जाकर आदिवासी नेताओं को धमकाते थे कि मोदी को आने दो उसके बाद तुम सब को हम गोली से उड़ा देंगे 
मोदी की जीत के बाद बस्तर में  निर्दोष आदिवासियों को नक्सलवादी कह कर फर्ज़ी आत्मसमर्पण और जेलों में डाल देने का भयानक दौर शुरू कर दिया गया 
मोदी सरकार ने अमीर उद्योगपतियों के पैसों से ही चुनाव जीता था .
मोदी ने आते ही गुंडागर्दी करते हुए खनन और उद्योग लगाने से पहले पर्यावरण की मंजूरी वाला कानून बदल दिया 
मोदी ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए ज़मीने छीन कर अमीर उद्योगपतियों को देने के लिए गाँव वालों की सहमति लेने का कानून ही खतम कर दिया 
भारत को लूटने के सभी रास्ते खोल दिए गए 
इस लूट में सहयोग करने वाले क्रूर पुलिस अधिकारी सबसे बड़े राष्ट्रभक्त बन गए 

लेकिन अब मोदी की इस हार से सब जगह दूसरे सन्देश जायेंगे 
गाँव देहातों में काम करने वाले सोनी सोरी और लिंगा कोडोपी जैसे छोटे छोटे कार्यकर्ता का जोश बढ़ेगा 
क्रूर पुलिस अधिकारी भी कुछ डरेंगे 
अभी तक  उन्हें लग रहा था कि मोदी अजेय है खुल कर बदमाशी करो 
कोई हमारा कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा 
लेकिन अब उन सब को डर लगेगा कि हालत बदल भी सकती है 
हो सकता है यह छोटा कार्यकर्ता ही कभी सत्ता में आ जाए ?

मोदी की बदमाशी और लूट 
ज़मीनी स्तर पर पुलिस का दमन 
कुछ समय के लिए कमज़ोर हो सकता है 
गाँव देहात में काम करने वाले ज़मीनी कार्यकर्ताओं में नया जोश आया है 

एक नया अवसर है कि कार्यकर्ता अपने बढे जोश के साथ और आगे बढ़ जाएँ .

भारत के गाँव तक इस राजनैतिक परिवर्तन का सन्देश ले जाना 
इस समय एक ज़रूर काम है 

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