जब एक अमरीकी नागरिक नें अमरीका में ही अमरीकी झंडे को जलाया और अमरीका के खिलाफ़ नारे लगाए
तो उसे निचली अदालत नें एक साल की सज़ा सुनाई .
लेकिन इसी मामले में सर्वोच्च अमरीकी अदालत नें निचली अदालत के फैसले को रद्द कर दिया .
अमरीकी सर्वोच्च न्यायालय नें कहा कि सरकार कुछ प्रतीकों को एकता के प्रतीक के रूप में रूढ़ नहीं कर सकती .
झंडा जलाना विचार मतभेद का एक तरीका हो सकता है .
झंडा जलाने से देश की शांति को कोई खतरा नहीं होता
यह फैसला अमरीकी सर्वोच्च न्यायालय नें किया है
भारतीय लोग इस फैसले से आहत महसूस ना करें .
भारतीय अभी इस बात को पचा पाने का हाज़मा नहीं बना पायें हैं
इस मुकदमे का लिंक नीचे दिया है
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