छत्तीसगढ़ के बीजापुर ज़िले में कडेनार गाँव है
इस गाँव में पांडे नाम की एक लड़की रहती थी
पांडे के गाँव पर सरकारी सुरक्षा बलों का हमला होता रहता था
सरकारी सुरक्षा बल आदिवासी लड़कियों से बलात्कार , निर्दोष आदिवासियों की हत्या करना ,आदिवासियों को बाज़ारों से पकड़ कर जेलों में डाल देना करते रहते थे ,
गांव में आकर सरकारी सुरक्षा बल आदिवासियों की खेती और अनाज के कोठार भी जला देते थे,
नक्सली भी उसे इलाके में आ गए थे
नक्सली लोग आदिवासी युवक युवतियों को सरकार से लड़ने के लिए अपने संगठन में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे
पांडे भी नक्सलियों के साथ जंगलों में चली गयी
पांडे नक्सलियों के साथ एक साल रही
इसी दौरान पांडे को मनोज नामक एक आदिवासी लड़के से प्यार हो गया
दोनों नें नक्सली गतिविधियां छोड़ कर शादी करके गाँव में रहने का फैसला किया
पांडे अपने घर की बड़ी संतान थी
पांडे के अलावा पांडे का एक छोटा भाई था
पांडे के परिवार नें मनोज के परिवार से आग्रह किया कि मनोज को अपने ससुराल की खेती बाड़ी संभालने दें और पांडे के गाँव में ही बसने की इजाज़त दे दें
मनोज अपनी पत्नी पांडे के ही घर में रहने लगा,
२० मई २०१६ को शाम को सात बजे के करीब मनोज और पांडे की मां घर के आंगन में बैठ कर खाना खा रहे थे
तभी सुरक्षा बलों का एक टोला घर में घुस आया
उन्होंने मनोज को पकड़ लिया
कुछ सिपाही घर के भीतर घुस गए और घर के भीतर से पांडे को पकड़ के बाहर ले आये
सिपाहियों नें गमछे से मनोज और पांडे के हाथ उनके पीछे बाँध दिए
पांडे की माँ नें पूछा इन्हें कहाँ ले जा रहे हो ?
सिपाहियों नें कहा कुछ पूछताछ करने के बाद कल छोड़ देंगे
थाने आकर दोनों को ले जाना
गाँव वालों नें गाँव के बाहर पांडे की चीखें सुनी
अगले दिन किसी नें पांडे की माँ से कहा तेरी बेटी और दामाद की लाश बीजापुर में पड़ी है जा ले आ
पांडे की माँ गाँव के लोगों को लेकर बीजापुर से अपनी बेटी और दामाद की लाश लेकर आये और उनका अंतिम संस्कार कर दिया
गाँव वालों का कहना है कि सुरक्षा बलों नें पांडे के साथ बलात्कार किया था
गाँव वालों नें पांडे की चीखें सुनी थी .
पुलिस ने पांडे और मनोज की लाश की तस्वीरें भी प्रकशित करी
गाँव वालों का कहना है कि पांडे को जब घर से पकड़ कर ले गए थे तब उसने साड़ी पहनी हुई थी
लेकिन पुलिस नें मीडिया में जो तस्वीर बांटी उसमें पांडे को नक्सली वर्दी पहने हुए दिखाया है
पुलिस नें हमेशा की तरह अपने पास से भरमार बंदूकें इनकी लाश के पास रख कर फोटो खींच लीं
इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि पांडे की पैंट की बेल्ट खुली हुई है
कोई नक्सली कभी भी पैंट की बेल्ट खोल कर मुठभेड़ करने नहीं आयेगी
पांडे की कमीज़ का बटन भी खुला हुआ है
पांडे की वर्दी पर गोलियों के सुराख नहीं हैं
इसी तरह अगर मनोज के शरीर पर उसकी टांगों पर पिटाई के निशान हैं
जो इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि इन्हें पकड़ कर पहले मारा गया है और बाद में इनकी हत्या करी गयी है
गाँव वालों का कहना है कि पांडे के गुप्तांगों के आस पास चाक़ू के निशान थे
गाँव से पांडे की माँ और मनोज के पिता तथा गांव के अन्य लोग सोनी सोरी के पास आये
सोनी सोरी और लिंगा कोडोपी के साथ पांडे और मनोज के परिवार वालों नें एक पत्रकार वार्ता दंतेवाड़ा में करी है
मारे गए पति पत्नी के परिवार वाले इस मामले को अदालत में ले जाना चाहते हैं
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