बेशक आतंकवाद का संबंध किसी धर्म से नहीं है
लेकिन अगर आप मानते हैं कि आप का धर्म दुनिया का सबसे बेहतरीन धर्म है
तो आप बेध्यानी में अपने बच्चों के दिमाग में यह भी डाल रहे हैं
कि आपके मज़हब के अलावा बाकी मज़हब बेकार और गलत हैं
यहीं से दूसरों के वास्ते नफरत, हिकारत और गुस्सा पैदा होता है
इसी नफरत से यज़ीद और गोडसे पैदा होते हैं
आप जिस दिन इस हकीकत को कबूल कर लेंगे .
कि आपका हिन्दु या मुसलमान होना महज़ एक संयोग है
आपका जन्म दूसरे मज़हब में भी हो सकता था
अपने मज़हब का दीवाना मत बनिए
वर्ना बहुत जल्द आप खुद को नफरत के नारे लगाने वाली भीड़ का हिस्सा बना हुआ पायेंगे
आपका मज़हब दुनिया का
सबसे अच्छा मज़हब नहीं है
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