अमेरिका में गोरों को मेरिट वाला माना जाता था
लेकिन जब रंगभेद विरोधी आंदोलन के बाद अफ्रीकी मूल के अमरीकी आबादी को भी अपनी काबालियत दिखाने का मौका मिला
तो अमेरिका के खेल जगत और संगीत समेत अनेकों क्षेत्रों में अफ्रीकी मूल के अमरीकी नागरिकों ने अमेरिका को दुनिया में नम्बर एक पर पहुँचा दिया
इसी तरह भारत में शूद्र और दलित मान कर बहुत बड़ी आबादी को अपनी मेरिट दिखाने से वंचित कर दिया गया
आजादी के समय इन समुदायों को भी अपनी योग्यता दिखाने का अवसर दिया गया
शूद्र और दलित बता कर जिनसे हज़ारों साल तक अवसर छीन लिये गये थे
उन्हें पढ़ने और नौकरियों में आने के अवसर दिये गये
ऐसा करने से भारत की मेरिट की संख्या बढ़ गयी
जो सवर्ण चिल्लाते हैं कि ये दलित और शूद्र बे मेरिट वाले हैं
और मेरिट वाले सवर्णों के साथ अन्याय कर रहे हैं
उन्हें समझना चाहिये कि मेरिट सब के पास हमेशा से थी
सिर्फ उसे दिखाने का मौका अब दिया गया है
इससे देश की कुल मेरिट बढ़ गयी है
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