आइये आज देशप्रेमी और देशद्रोही की परिभाषा पर साफ़ साफ़ बात कर लेते हैं,
पहली बात कि देश यानी क्या ?
देश का मतलब है देश की ज़मीन, पानी, हवा और जानवर और देश के लोग
तो इनसे प्यार करने वाला माना जाएगा देशप्रेमी,
देश के लोगों में भी देशप्रेमी सबसे कमज़ोर लोगों को सबसे ज्यादा प्यार करेगा,
जैसे घर में हम घर के सबसे छोटे सदस्य का सबसे ज्यादा ख्याल रखते हैं,
और देश के कमज़ोर लोग कौन हैं,
देश के सबसे कमज़ोर लोग देश के दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक, गरीब, महिलायें, भिखारी, वेश्याएं, विकलांग हैं,
इन सब से प्यार करने वाला या करने वाली देशप्रेमी है,
तो जो लोग आदिवासियों से प्यार करते हैं और उन पर अत्याचार करने वाली सरकार से लड़ रहे हैं वो देशप्रेमी हैं,
जो आदिवासियों यानी देशवासियों को मारने वाली पुलिस का समर्थन करते हैं वे लोग देशद्रोही हैं,
जो लोग जंगल पहाड़ और नदियों को प्रदूषित करने वाले उद्योगपतियों का विरोध करते हैं वे लोग सच्चे देशप्रेमी हैं,
जो देश के जंगलों, पहाड़ों और नदियों को बर्बाद करने वाले उद्योगपतियों का समर्थन करते हैं वे देशद्रोही हैं,
मैं अनेकों देशप्रेमियों को पहचानता हूँ,
उनमें से एक है उमर खालिद जो जेएनयू का छात्र है,
उमर खालिद बस्तर के आदिवासियों की ज़िन्दगी, उनके जीवन और उनकी तकलीफों पर पीएचडी की पढ़ाई कर रहा है,
जेएनयू के छात्र देशवासियों की तकलीफों पर आवाज़ उठाते रहते हैं,
युवा पीढी को ऐसा ज़रूर करना चाहिए,
यही राष्ट्र निर्माण का तरीका है,
लेकिन भाजपा जो कि बड़े पूंजीपतियों के चंदे से चुनाव जीती है उसे जेएनयू के छात्रों की इस सक्रियता से परेशानी हो रही थी,
क्योंकि चुनाव में लिए चंदे के बदले पूंजीपतियों को ज़मीनें सौंपनी थीं,
इसलिए एक बेईमान चैनल जी टीवी के साथ मिलीभगत करके एक फर्जी विडिओ के बहाने से सरकार नें जेएनयु के तीन युवा नेताओं को फर्जी मुकदमें में फंसाया और जेल में डाल दिया,
लेकिन अदालत में सरकार की पोल खुल गयी और इन तीनों छात्रों को रिहा कर दिया गया,
लेकिन चूंकि भाजपा मुसलमानों के नाम पर हिन्दुओं को डरा कर चुनाव जीतती है,
इसलिए भाजपा नें मुस्लिम होने के कारण उमर खालिद को देशद्रोही कह कर बदनाम करने की कोशिश करी,
यहाँ तक कि भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह नें एक फर्जी ट्वीट का हवाला देकर उमर खालिद का सम्बन्ध पकिस्तान तक से बता दिया,
हांलाकि बाद में राजनाथ सिंह के झूठ की भी पोल खुल गयी,
लेकिन देश भर में उमर खालिद को बुरी तरह बदनाम कर के राजनैतिक फायदा उठाने का काम भाजपा और उसके साम्प्रदायिक संगठनों ने बंद नहीं किया,
पिछ्ले दिनों जब उमर खालिद को दिल्ली विश्वविद्यालय में छत्तीसगढ़ की समस्या पर बोलने के लिए बुलाया गया था तो एबीवीपी के गुंडों ने उस सभा पर ही हमला बोल दिया,
यह हमला इस बात का सबूत था कि निर्दोष उमर के खिलाफ किस तरह बिना कारण नफरत का माहौल बनाया गया है,
भारत के नौजवानों को अपनी ऑंखें और दिमाग खुला रखना पड़ेगा,
उन्हें समझना ही चाहिए कि कौन सी बात जनता और पर्यावरण के हित में है और कौन लोग हैं जो हमें बेवकूफ बना कर हमारे संसाधनों को लूट कर अमीर बनते जा रहे हैं,
अगर नौजवान एक दुसरे के साथ जाति और मज़हब के आधार पर लड़ते रहेंगे तो भारत को मुट्ठी भर अमीर लूटते रहेंगे और देश के करोड़ों लोग हमेशा गरीब और बदहाल रहेंगे,
देशप्रेमी हो तो देश के भले का सोचो,
मेरा ख्याल है अब आप सब समझ गए होंगे कि देशप्रेमी कौन होता है ?
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