आप आज़ाद हैं इसलिए आप किसी को भी अपना नेता मान सकते हैं .
मोदी को भी मान सकते हैं .
लेकिन सोचिये अगर आपके साथ रहने वाले मुसलमान भी दो हज़ार हिंदुओं को मारने वाले किसी मुसलमान को जान बूझ कर अपना नेता चुन लें और उसे अपना शेर नेता ,और उसके भाषणों को शेर का गरजना और उसे वीर नेता कहने लगें तो आप के मन में मुसलमानों के बारे में कैसा भाव आयेगा ?
ईमानदारी की बात तो यही है कि हमने मोदी को मुसलमानों को सबक सिखाने की उसकी योग्यता के कारण ही अपना वीर नेता माना है .
हिंदुओं द्वारा मोदी को अपना नेता मान लेने से मुसलमानों के मन में हिंदुओं के प्रति डर और संदेह नहीं पैदा होगा क्या ?
भारत में पच्चीस करोड मुसलमान हैं . इन्हें ना तो आप भारत से भगा सकते हैं ना ही इन्हें डरा कर रख सकते हैं .
मोदी जैसे व्यक्ति को अपना नेता चुनना हिंदुओं के बारे में मुसलमानों के मन में दूरी ही पैदा कर रहा है .
भारत एक नया देश है . इसकी एकता और अखंडता इसके सभी समुदायों के मिल कर प्रेम से रहने पर ही निर्भर करेगी .
कोई एक समुदाय अगर दुसरे समुदायों को डरा कर रखने की कोशिश करेगा तो देश टूट भी सकता है .
इसे एक रखने की जिम्मेदारी तो सभी की है . ऐसा नहीं हो सकता कि आप तलवारें हाथ में लेकर नंगा नाच नाचें और मुसलमान इस देश को एक रखने के लिए आपसे पिटते ही रहें .
अभी भी वख्त है .
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