Saturday, August 20, 2011

अब तक अन्ना को गाली दे रहा था ! कल फैसला किया अब नहीं दूंगा !

गांधी ने कहा था " मुझे जो बात आज सत्य लगती है उसे मैं आज सत्य कहूँगा कल अगर कोई दूसरी बात सत्य लगी तो अपनी आज की बात से बिलकुल मुकर जाऊंगा ! " मैं तथाकथित गांधीवादी हूँ इसलिए मैं जो आज सोच रहा हूँ उसे दोस्तों के साथ बाँट रहा हूँ !
    अब तक अन्ना को गाली दे रहा था ! कल फैसला किया अब नहीं दूंगा !
       चिदंबरम जैसे महा बदमाशों को उनकी असली औकात  इन लोगो ने बता दी है उस से काफी संतोष महसूस कर रहा था! और इस आन्दोलन के प्रति धन्यवाद से भरा हुआ था ! पर दोस्तों की शर्म की वजह से उसे बता नहीं रहा था ! आजादी के चौंसठ साल तक जो सरकार सारे जन आन्दोलनों की उपेक्षा और बेज्ज़ती करती रही ! चाहे वो ट्रेड यूनियन के मजदूर हो, किसानो हो , आदिवासियों हो , विस्थापन विरोध का,  या अन्य कोई भी आन्दोलन हो ! सबको सरकार लाठी और बन्दूक से दबाती रही ! आज वही सरकार दुम दबा कर घुटने पर बैठ  कर हाथ जोड़ कर आन्दोलन का आदेश मानने को तत्पर दीख रही है ! पहली बार थोड़ी सी जनता ने तंत्र को लोक का नौकर सिद्ध किया है ! 
हम आलोचक लोग अपने को हमेशा आम जनता से ज्यादा अक्लमंद मानते रहे ! और ये भी मानते रहे की समाज बदलने का नक्शा हमें ही पता है ! हम कहते रहे कि  "हम सब बुनियादी बदलाव लायेंगे ! ये अन्ना टाईप आन्दोलन तो ऊपरी सुधार कर सकते हैं बस "!  
  जनता की अपनी एक समझ है ! हम अक्लमंद क्रांतिकारी प्रगतिशील लोग उसे कही बहुत ऊंची मंजिल पर पहुँचाना चाहते हैं ! और वो हमारी बात समझती नहीं !  जहाँ जनता खड़ी है, सफ़र तो वहीं से शुरू करना पड़ेगा ! जहाँ आज जनता है! वहां पूँजी है ! जाति है ! वहां धर्म की अफीम है ! पर वहीं से नए ज़माने में जाने का सफ़र शुरू करना पड़ेगा ! इसलिए सफ़र के शुरू में यही सब दिखेगा ! हम सब जातिसूचक उपाधिया लगाते हैं ! अपनी जाति में अपने बच्चो की शादी करते हैं ! पर जाति विहीन समाज बनाना भी चाहते हैं ! हम सब मध्य वर्ग से हैं पर मध्य वर्ग को गाली भी देते हैं ! हम सब पूंजी पर पलते हैं ! हम में से कोई खेती या मजदूरी कर के अपना पेट नहीं पालता ! पर पूंजी को गाली देते हैं ! इसमें कोई पाप नहीं है !  असल में हम सब इस में से निकलना चाहते हैं ! इसलिए हमें स्वीकार करना चाहिए कि जहाँ दूसरे खड़े हैं  हम सब भी वहीं खड़े हैं!
  अगर कोई आन्दोलन दिल्ली में पुलिस को भीगी बिल्ली बना सकता है तो क्या दंतेवाडा में आदिवासियों की बेटियों से बलात्कार करते , उनका घर जलाने वाले , बच्चों के हाथ काटने वाली पुलिस को भी इस आन्दोलन का फैलाव डरा सकता है?  इस आन्दोलन में क्या आदिवासी का मुद्दा जोड़ा जा सकता है ? मैंने अभी इस पर कोई फैसला नहीं कर लिया है पर ये सब बातें मुझे सोचने का नया विषय दे रही हैं !
अन्ना के रालेगढ़ सिद्धी पर करीब बीस वर्ष पहले पहला लेख मेरे पिताजी ने लिखा था ! उस लेख को निर्मला देशपांडे ने अपनी पत्रिका नित्यनूतन में प्रकाशित किया था ! उस लेख को निर्मला जी ने मनमोहन सिंह को दिया ! तब मनमोहन सिंह योजना आयोग के उपाध्यक्ष थे ! मनमोहन सिंह ने उस लेख को राजीव गांधी को दिया जो तब प्रधान मंत्री थे ! राजीव गांधी ने उसके बाद राष्ट्रीय जलग्रहण क्षेत्र विकास मिशन शुरू किया ! अन्ना मुझे जब भी मिले मेरे और वीणा के हमारे  बस्तर के काम की प्रशंसा की ! और हमेशा हम दोनों को स्नेह दिया !1992 -93 मैंने और मेरी पत्नी वीणा ने दो वर्ष तक मध्य प्रदेश के छब्बीस जिलों में पदयात्रा की ! हम गाँव में ग्रामस्वराज्य की चर्चा करते थे ! और तब हम अन्ना के रालेगढ़ सिद्धी के प्रयोगों को गाँव वालों को बताते थे ! पर अन्ना के आन्दोलन की शुरुआत होते ही मैंने इस आन्दोलन को कोसना शुरू कर दिया ! हांलाकी पलट कर किसी ने मुझ से इस गाली गलौज की कोई शिकायत नहीं की ! बस्तर में हमारे संघर्ष के समय अरविन्द केजरीवाल और मनीष सिसौदिया हमारे आश्रम में आये, वहाँ रहे ! हमारे काम को समर्थन दिया ! पिछले वर्ष मेरी साइकल यात्रा के दौरान  अरविन्द केजरीवाल ने मुझ से कई बार फोन पर बात की और अपने कार्यकर्ताओं को मेरे पास भेज कर राजस्थान में साइकल यात्रा के अनुभवों को लिख कर मंगवाया ! पर उनके इस आन्दोलन के शुरू होते ही मैं इसका विरोध करने लगा ! और इसके बावजूद इन लोगों ने कभी मुझसे कोई कटुता नहीं दिखाई !
 मेरे विरोध का कारण था कि ये मध्यम वर्ग जो आदीवासी  के मुद्दे पर उदासीन था ! मैं जीवन भर इसी मध्यम वर्ग का समर्थन लेने की कोशिश करता रहा ! पर नहीं सफल हुआ !  अनगिनत आन्दोलन इस वर्ग का समर्थन लेने की कोशिश करते रहे ! नहीं मिला ! जैसे ही अन्ना को इस वर्ग का समर्थन मिला ! अन्ना के इस आन्दोलन के प्रति पहले हम आश्चर्य से ,फिर ईर्षा से और फिर नफरत से भर गए ! और इस आन्दोलन को खाए पिए मध्यम वर्ग का फैशनेबल आन्दोलन कह कर ख़ारिज करने लगे!  पर दिल पर हाथ रख कर कहिये देश के कौन से आन्दोलन में मिडिल क्लास लीडरशिप नहीं कर रहा है ! धुर दक्षिणपंथी राम मंदिर आन्दोलन से लेकर धुर वामपंथी नक्सल आन्दोलन तक सब जगह मध्यम वर्ग ही लीडरशिप कर रहा है ! तो अब कौन सी नयी बात हो गयी है ! 
 आज अगर भाजपा सत्ता में होती तो कांग्रेस इस आन्दोलन का समर्थन नहीं करती क्या ? कांग्रेस सत्ता में है तो भाजपा  का समर्थन करना स्वाभाविक है!  
 तो अभी तो मैंने अन्दोल और आन्दोलनकारियों को गाली ना देने निर्णय किया है ! आगे क्या करूंगा अभी स्पष्ट नहीं है !

6 comments:

  1. इस लेख में आपकी सच्चाई एकदम बेतोड़ है. मेरे विचार में, आज के सन्दर्भ में सारे सामाजिक कार्यकर्ताओं को ऐसी ही सच्चाई के साथ अपने अपने मुद्दों व खुद में झाँकने की ज़रूरत है.

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  2. aapne socha samjha sweekara...pareshani tab hoti hai jab hum mudne ko raazi na hon...

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  3. आपने जितनी साफगोई से यह सब स्वीकार किया, वह दुर्लभ है.

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  4. And the breaking news of the day....

    Kanimozhi will walk free soon and become a cabinet minster....and this is how the story will play out.....
    2G scam: 'Will call PM as a witness,' warns 2g heroineKanimozhi's lawyer......and she says "Prime Minister Manmohan Singh and then finance minister P Chidambaram were fully in the loop on the 2G spectrum licence allocation and had decided along with then telecom minister A Raja not to auction them"
    This is what happens when one messes with Chankaya Karuna's daughter.....With Jagan rising in revolt.....coupla MPs gone....with Telegana on the boil couple of more MPs gone....UP elections ...so Mulayam and mayawathi will not support UPA-2.....So Karuna will sqeeze Manmohan Singh's crown jewels hard enough....and mark my words...despite Anna ...Kanimozhi will walk free and become a Union Cabinet minister.....

    So the Corrupt Bunch of Idiots aka CBI will get some lowly moron to argue the case for them in the courts.....and way the procecution is arguing the case...it is clear they are setting the stage for her to walk free soon.....

    It is is now clear the the entire 2g scam was done with knowledge of Manmohan Singh and CHidambaram.....This is why Annaji says PM should be in the Lok Pal net....where one can clearly find out if the PM is guilty or not.......

    And of course the time has come for all us to take a stance.....and with Annaji's health failing.....time for us to act...act decisively.....

    After why should there be status quo...and trust the system to change...or trust the all party meeting......the wait of 40 years has led us not where....so why make way for a radical change......

    The time of total revolution has come........

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  5. मोहल्ला से यहाँ आया। आपके लिखे से प्रभावित लेकिन अभी भी अन्ना से खुश नहीं। शब्द पुष्टिकरण यानि वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दीजिए। टिप्पणी करने में आसानी होगी।

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