हम जिस दौर में पैदा हुए हैं वह एक राजनैतिक समय है
मेरे तुम्हारे और उनके पूरे दिन और
रात भर की सारी घटनाएँ राजनैतिक हैं
भले ही तुम स्वीकार करो या मत करो
पर तुम्हारी नस्ल का एक राजनैतिक इतिहास है
तुम्हारी त्वचा के रंग की एक ज़ात है
तुम्हारी आँखों के रंग का एक राजनैतिक झुकाव है
अगर तुम कुछ कहोगे तो वो गूंजेगा
और तुम्हारा चुप रहना भी एक राजनैतिक वक्तव्य है
इस तरह दोनों ही स्तिथियों में तुम राजनीति कर रहे माने जाओगे
यहाँ तक कि अगर तुम जंगल की तरफ जाओगे
तो वह एक राजनैतिक भूमि पर तुम्हारा एक राजनैतिक कदम माना जायेगा
अराजनैतिक कवितायें भी राजनैतिक मानी जायेंगी
चाँद भी पूरी तरह चन्द्रमंडल का नहीं माना जा सकता
हमरा अस्तित्व रहेगा या नहीं
यह सवाल कुछ लोगों के लिये परेशानी का सबब बन जाता है
इसलिये इस तरह के सवाल उठाना भी राजनीति है
राजनैतिक मसला बनने के लिये मनुष्य होना ज़रूरी नहीं है
वस्तुएं भी राजनैतिक हो सकती है
खनिज या तेल या भोजन भी राजनीतिक मुद्दा बन सकता है
एक मेज़ का आकार भी महत्वपूर्ण हो सकता है
वार्ता की मेज़ गोल होनी चाहिये या चौकोर
यह मुद्दा उनके लिये हमारी जिंदगी और मौत
के बारे में बात करने से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा बन सकता है
इस दौरान लोग तबाह होते रहे
जानवर मर गये मकान जल गये और खेत वीरान हो गये
और जैसा बहुत लंबे समय से हो रहा है
लेकिन यह मुद्दे राजनीति का हिस्सा नहीं बन सके
- विस्लावा ज़िम्बोर्सका (पोलैंड)
''अगर तुम कुछ कहोगे तो वो गूंजेगा
ReplyDeleteऔर तुम्हारा चुप रहना भी एक राजनैतिक वक्तव्य है
इस तरह दोनों ही स्तिथियों में तुम राजनीति कर रहे माने जाओगे
यहाँ तक कि अगर तुम जंगल की तरफ जाओगे
तो वह एक राजनैतिक भूमि पर तुम्हारा एक राजनैतिक कदम माना जायेगा
अराजनैतिक कवितायें भी राजनैतिक मानी जायेंगी ...."
Is there any space left away from politics of powers?
Incredibly gripping poem.