वन विभाग ने तेंदू पत्ता खरीदी के लिये वन समिति बनायी . माडवी लिंगा को गाँव के आदिवासियों ने उसका अध्यक्ष चुन लिया .
पुलिस और अफसरों ने माडवी लिंगा को डराया और कहा कि अगर तू शहर आएगा तो तुझे नक्सली कह कर जेल में डाल देंगे .
पुलिस और अफसरों ने माडवी लिंगा के नाम से एक अपने एक आदमी को बैंक में खड़ा किया और हर साल आदिवासियों के हिस्से का लाखों रुपया निकाल कर हडपना शुरू किया .
पिछले साल नकली माडवी लिंगा मर गया .
इस बीच आदिवासियों को तेंदू पत्ते का पैसा नहीं मिला तो आदिवासी असली माडवी लिंगा के पास गये .
कल असली माडवी लिंगा इस घपले की शिकायत करने और खुद को जिंदा साबित करने के लिये गाँव से बाहर दोरनापाल आया .
कल उसे पुलिस ने पकड़ कर थाने में बंद कर दिया है .
असली माडवी लिंगा के साथ आने वाले दो और आदिवासी सोढ़ी मुत्ता - ग्राम -किश्ताराम, मद्कम भीमा - ग्राम - मोर्पल्ली को भी पुलिस ने साथ में पकड़ लिया है .
ये तीनो लोग अभी भी दोरनापाल थाने में बंद हैं .
पुलिस का कहना है कि हम इन्हें नक्सलवादी होने का फर्जी केस बना कर जेल में डालेंगे .
इस तरह तीन और 'नक्सली' जेल पहुँच जायेंगे .
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