कुछ लोग मारे गए क्योंकि उनकी दाढ़ियाँ लंबी थीं .
और दूसरे कुछ इसलिए मारे गए क्योंकि उनकी खाल का रंग हमारी खाल के रंग से ज़रा ज़्यादा काला था .
कुछ लोगों की हत्या की वाजिब वजह यह थी कि वो एक ऐसी किताब पढते थे जिसके कुछ पन्नों में हमारी किताब के कुछ पन्नों से अलग बातें लिखी हुई थीं .
कुछ लोग इसलिए मारे गए क्योंकि वो हमारी भाषा नहीं बोलते थे .
कुछ को इसलिए मरना पड़ा क्योंकि वो हमारे देश में नहीं पैदा हुए थे .
कुछ लोगों की हत्या की वजह ये थी कि उनके कुर्ते लंबे थे .
कुछ को अपने पजामे ऊंचे होने के कारण मरना पड़ा .
कुछ के प्रार्थना का तरीका हमारे प्रार्थना के तरीके से अलग था इसलिए उन्हें भी मार डाला गया .
कुछ दूसरों की कल्पना ईश्वर के बारे में हमसे बिकुल अलग थी इसलिए उन्हें भी जिंदा नहीं रहने दिया गया .
लेकिन हमारे द्वारा करी गयी सारी हत्याएं दुनिया की भलाई के लिए थीं .
हमारे पास सभी हत्याओं के वाजिब कारण हैं .
आखिर हम इन सब को ना मारते तो हमारा राष्ट्र, संस्कृति और धर्म कैसे बचता ?
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