Wednesday, September 10, 2014

हम हर दौर में सत्ता से लड़े हैं

जब हम कहते थे कि तुमने आपने अर्ध सैनिक बल आदिवासी इलाकों में इस लिए भर दिए हैं 
ताकि तुम आदिवासी इलाकों के जंगलों 
पहाड़ों नदियों और खदानों पर कब्ज़ा कर सको 
और इन खदानों,पहाड़ों, जंगलों को अम्बानियों , टाटाओं जिन्दलों और वेदान्ता को सौंप सको 

और हमारे देश के 
आदिवासियों 
गाँव वालों 
करोड़ों लोगों को 
बेघर करने 
बेज़मीन करने 
और 
इन गाँव वालों और 
आदिवासियों को गरीब बनाने का काम  
हमारे अपने ही सिपाही   
इन अमीरों के लिए  
सरकारी हुकुम से 
करते हैं 

तो आप कहते थे 
कि हम तो विदेश एजेंट नक्सली और विकास विरोधी हैं  
इसलिए हिंसक सरकारी कार्यवाहियों का विरोध करते हैं 

लेकिन साबित हो गया है कि आप 
आदिवासियों को अपने अमीर आकाओं के लालच के लिए मार रहे थे 

लीजिए सबूत 
अब तो आपके मुंह से नकाब खिंच गया 
हुज़ूर 

आप की नज़र तो शुरू से ही आदिवासियों के जंगल और खदानों पर थी 
अब आप कानून की भी धज्जियां उड़ाने पर उतर आये हैं 

कानून कहता है कि आदिवासियों के इलाकों में जंगल काटने 
के लिए आदिवासियों की इजाज़त चाहिए 
लेकिन सरकार इस कानून में बदलाव कर रही है 
अब आदिवासियों के जंगल काटने के लिए आदिवासियों की ग्राम सभा से पूछने की कोई ज़रूरत नहीं रहेगी 

मोदी साहब को जिताने में पैंतीस हज़ार करोड़ रुपया किसने खर्च किया था ?
उनका नाम पूछिए 
आप ज़रा सी खोज कीजिये आप को पता चल जाएगा 
कि खदानों ,जंगलों और ज़मीनों पर उन्ही अमीरों को कब्ज़ा दिलाने के लिए 
कानूनों को बदला जा रहा है 

लेकिन हम  
इस देश के जंगलों 
नदियों पहाड़ों सागर तटों को अमीरों के लालच और मुनाफे की भेंट 
नहीं बनने देंगे 

इस देश के करोड़ों लोग इन जंगलों , नदियों 
सागर तटों पर ही जिंदा हैं 

हम अपने देश वासियों को 
आपके और आपके अमीर आकाओं के 
लालच के लिए 
बेघर , बेज़मीन 
और बर्बाद नहीं होने देंगे 

तुम शौक से हमें नक्सली कहो 
विदेशी एजेंट कहो 
विकास विरोधी कहो 
आपकी खुशी 

हम अपना युग धर्म ज़रूर निबाहेंगे 
मोदी साहब 
हम हर दौर में सत्ता से लड़े हैं 
ये लड़ाई जारी रहेगी 


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