आज विश्व आदिवासी दिवस पर आप मान लीजिए
कि भारत के ऋषि मुनी ही भारत के सबसे पुराने निवासी हैं
कि भारत के ऋषि मुनी ही भारत के सबसे पुराने निवासी हैं
मान लीजिए कि वेद तब ही आ चुके थे जब मनुष्य का जन्म भी नहीं हुआ था
मान लीजिए वेद ईश्वर द्वारा रचित हैं
मान लीजिए वेद ईश्वर द्वारा रचित हैं
मान लीजिए कि प्राचीन भारत में ऋषी मुनी जब तप करते थे
तो आदिवासियों के पूर्वज उनके लिए जंगल से कंद मूल फल लाने का काम करते थे
तो आदिवासियों के पूर्वज उनके लिए जंगल से कंद मूल फल लाने का काम करते थे
मान लीजिए कि आपके पूर्वज राजा के नाव पार करते समय राजा के पाँव धो कर पीते थे
आप नहीं मानेगे ?
कोई बात नहीं आपकी आने वाली संतानें मानेगी
वो इतिहास लिखने वाली संस्थाओं में अपने लोगों को बिठा रहे हैं
वो यही इतिहास लिख देंगे
आपका बच्चा स्कूल कालेज में उनका लिखा हुआ इतिहास पढ़ेगा
वो यही इतिहास लिख देंगे
आपका बच्चा स्कूल कालेज में उनका लिखा हुआ इतिहास पढ़ेगा
वो ऐसी फ़िल्में बनायेगे जिसमे यही दिखाया जायेगा कि
आपके पूर्वज जंगली थे
और आर्यों ने आपको सभ्यता सिखाई
उन्होंने फिल्म बनाने वाली और फिल्मों को सेंसर प्रमाण पत्र देने वाली संस्थाओं में भी अपने लोगों को बैठा दिया है
आपके पूर्वज जंगली थे
और आर्यों ने आपको सभ्यता सिखाई
उन्होंने फिल्म बनाने वाली और फिल्मों को सेंसर प्रमाण पत्र देने वाली संस्थाओं में भी अपने लोगों को बैठा दिया है
हर साल वो आपकी बेईज्ज़ती करते हैं
ताड़ी पीने वाले असुर यानी
ताड़कासुर को सार्वजनिक रूप से मारते हैं
वो नाटक नहीं करते
आपके मन में उनकी संस्कृति
के लिए इज्ज़त
और आपकी अपनी संस्कृति
के लिए अपमान और हीन भाव
भरने का काम करते हैं
ताड़ी पीने वाले असुर यानी
ताड़कासुर को सार्वजनिक रूप से मारते हैं
वो नाटक नहीं करते
आपके मन में उनकी संस्कृति
के लिए इज्ज़त
और आपकी अपनी संस्कृति
के लिए अपमान और हीन भाव
भरने का काम करते हैं
आने वाले समय में आपका बच्चा यह कहने में शर्मायेगा
कि वो इन जंगली लोगों के परिवार का सदस्य है
वो कहेगा कि नहीं मैं भी
आर्य राजा
राम का वंशज हूँ
ताड़ी पीने वाले असुरों
यानी ताड़कासुर का वंशज नहीं
कि वो इन जंगली लोगों के परिवार का सदस्य है
वो कहेगा कि नहीं मैं भी
आर्य राजा
राम का वंशज हूँ
ताड़ी पीने वाले असुरों
यानी ताड़कासुर का वंशज नहीं
वो आपको ट्राइबल यानि
कबीले वाला कहेंगे
कबीले वाला कहेंगे
लेकिन वो आपको इंडीजनस यानी मूल निवासी
कभी नहीं कहेंगे
कभी नहीं कहेंगे
वो संविधान में व्यवस्था करके
रखे हुए हैं कि
आप कभी खुद को
मूल निवासी ना कह सकें
रखे हुए हैं कि
आप कभी खुद को
मूल निवासी ना कह सकें
भारत का इतिहास बदलने का काम जारी है
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