इस साल फरवरी में मुस्लिम संगठनों नें मुज़फ्फर नगर के बुढ़ाना कस्बे में दो दिन का सम्मेलन रखा था
विषय था साम्प्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता
मुझे भी इस सम्मेलन में बोलने के लिये बुलाया गया था
दिल्ली से ओम थानवी और मुंबई से राम पुनियानी भी आये थे
प्रसिद्ध संत प्रमोद कृष्णम जी भी थे
भाजपा सांसद हुकुम सिंह भी आमंत्रित थे
दुनिया भर से मुस्लिम विद्वान भी आये थे
मैनें अपने सम्बोधन में कहा कि मुसलमानों को भारत की राजनीति समझनी चाहिये
हमें समझना चाहिये कि ये दंगा भड़काने वाले कौन लोग हैं ?
और यह समझना चाहिये कि दंगों का मकसद क्या है ?
और दंगे कैसे भड़काये जाते हैं ?
आयोजक पीछे से मेरा कुर्ता खींचने लगे कि आप सियासत पर मत बोलिये
बस हिन्दु मुस्लिम एकता पर बोलिये
मैनें कहा दंगों की राजनीति समझे बिना हम दंगे नहीं रोक पायेंगे
मैनें कहा कि क्या दंगे लोगों के हिन्दु मुसलमान होने की वजह से हुए थे ?
या अमित शाह नें पूरी योजना बना कर दंगे करवाये थे ?
हुकुम सिंह सिर झुकाये सुनते रहे
आयोजक लगातार मुझे टोका टाकी करते रहे
मैनें कहा कि अगर आयोजक चाहते हैं कि मैं मीठा मीठा गैर राजनैतिक भाषण दूँ तो वह नहीं होगा
मैनें कहा मैं भाषण बन्द कर के जा रहा हूँ
भारी तादात में श्रोता चिल्लाने लगे कि हिमांशु कुमार को बोलने दो
हिमांशु कुमार बिल्कुल ठीक कह रहे हैं हम इन्हें सुनना चाहते हैं
मैं वहाँ से आ गया
मेरे वहाँ से निकलने के बाद प्रमोद कृष्णम जी नें मुझे टोकने का विरोध किया
इस सम्मेलन में करीब तीन लाख मुसलमान आये थे
साम्प्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिये इतने सारे मुसलमानों का इकट्ठा होना मीडिया के लिये कोई खबर ही नहीं थी
इसके बरक्स हरियाणा में सद्भावना सम्मेलन की खूब खबरें छापी गई जिसमें बाबा रामदेव नें लाखों लोगों की गरदने काटने की धमकी दी थी
आज हुकुम सिंह दुनिया भर में मुसलमानों को ऐसे बदनाम कर रहे हैं जैसे कि साम्प्रदायिक माहौल मुसलमानों नें खराब किया हो
दंगे हुकुम सिंह की पार्टी ने करवाये
दंगे भड़काने में हुकुम सिंह आगे आगे रहे
अब सारा ठीकरा मुसलमानों के मत्थे फोड़ने की कोशिश कर रहे हैं
उल्टा चोर कोतवाल को डांटे
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