Sunday, July 3, 2016

आदिवासी की गाय

आदिवासी अपनी गाय को बेहद प्यार करते हैं ၊
उनकी गाय इधर उधर हो जाती है तो दूर दूर तक उसे खोजने जाते हैं ၊
वे उन लोगों की तरह नहीं है जो अपनी गाय को दूध देना बन्द करने पर मरने के लिये छोड़ देते हैं ၊
और ना ही आदिवासी गाय के नाम पर किसी की हत्या करते हैं ၊
बस्तर के आदिवासी गाय का दूध नहीं निकालते ၊
क्योंकि वे मानते हैं कि मां का दूध बच्चे के लिये होता है၊
और गाय का दूध बछड़े के लिये होता है ၊
छतीसगढ़ में भाजपा के गुन्डे आजकल आदिवासियों की गाय लूट कर पैसा कमा रहे हैं ၊
जब आदिवासी बाज़ार से अपनी गाय या बैल लेकर एक गांव से दूसरे गांव जाते हैं तो ये हिन्दुत्व के गुंडे आदिवासियों पर हमला बोल देते हैं ၊
ये लोग गोरक्षा के नाम पर इनके गाय बैल लूट कर बेच देते हैं ၊
राज्य में भाजपा का शासन होने के कारण पुलिस इन भगवा गुण्डों का साथ देती है ၊
कई बार आदिवासी मेरे पास आये ၊
मैनें पुलिस को शिकायत भी करी ၊
एक बार मैनें वरिष्ठ आईपीएस दीपांशु काबरा को भी फोन किया था ၊
लेकिन उन्होंने आदिवासियों की कोई मदद नहीं करी ၊
आजकल बस्तर में गांव गांव में बोर्ड लगा दिये गये हैं जिन पर लिखा होता है कि इस गांव में गैर हिन्दुओं का प्रवेश वर्जित है
इस तरह का बोर्ड लगाने वाले गुण्डे कंपनियों के लिये आदिवासियों की छीनने का काम भी कर रहे हैं
जो आदिवासी ज़मीन छीनने का विरोध करता है ये गुण्डे उसे नक्सली घोषित कर के जेल में डलवा देते हैं
पुलिस इन गुण्डों के साथ मिलकर काम कर रही है ၊
इस तरह छत्तीसगढ में कम्पनियां गुण्डे और पुलिस मिल कर आदिवासियों की ज़मीनें छीन रहे हैं
छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री रमन सिंह कम्पनियों से पैसे लेकर पनामा में कम्पनियों में लगा रहा है
पूरा खेल उसी के इशारे पर खेला जा रहा है

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