Monday, December 5, 2016

प्रधानमंत्री की फोटो


अम्बानी की जिओ कंपनी ने प्रधानमंत्री की फोटो को विज्ञापन में इस्तेमाल किया
देश की जनता नें इस पर आपत्ति करी,
क्योंकि प्रधानमंत्री एक व्यक्ति नहीं है वह एक पद है,
प्रधानमंत्री का इस्तेमाल कर के कोई व्यपारी अपना व्यापार नहीं चमका सकता,
हाँ नरेंद्र मोदी जब प्रधान मंत्री ना रहें तब वो ज़रूर जिओ के सिम के लिए विज्ञापन में भाग लेने के लिए स्वतंत्र हैं,
तब कोई आपत्ति नहीं कर सकता,
इस मामले पर बहुत ही आपराधिक तरह से प्रधानमंत्री नें चुप्पी साधी,
महीनों तक इस पर बोले ही नहीं,
सरकार नें भी महीनों तक कोई कार्यवाही नहीं करी,
इससे जनता में यह समझ बनी कि इस विज्ञापन में प्रधानमंत्री के चित्र का इस्तेमाल जिओ कम्पनी नें असल में प्रधान मंत्री की सहमती से ही किया था,
इसलिए अब सरकार प्रधानमंत्री को बचाने के लिए चुप होकर बैठ गयी है,
अब जाकर कई महीने बाद सरकार नें अम्बानी की कम्पनी जिओ पर पांच सौ रूपये का जुर्माना लगाया है,
यह जुर्माना बहुत बड़ा सबूत है,
सबूत इस बात का है कि सरकार नें मान लिया कि जिओ कम्पनी नें अपराध किया था,
और जिओ कम्पनी को इस अपराध की सजा भी मिलनी चाहिए,
ये दो कदम सही दिशा में बढाने के बाद सरकार नें जो सजा के रूप में जुर्माने की रकम घोषित करी थी ,
उस रकम से सरकार नें फिर से अपना फजीता करवा लिया है,
समझ में नहीं आता कि सरकार में वो कौन लोग हैं जो सरकार से दुश्मनी निकाल रहे हैं ?
क्योंकि अगर सरकार अम्बानी से पांच सौ रूपये जुर्माना वसूलेगी तो जनता सरकार की हंसी नहीं उड़ाएगी क्या ?
जनता सरकार की नियत पर शक नहीं करेगी क्या ?
इससे इस बात को और बल नहीं मिलेगा क्या कि सरकार जान बूझ कर अम्बानी कम्पनी को फायदा पहुँचाने का काम कर रही है ?
इतनी मूर्खता करने वाली सरकार मैंने पहले कभी नहीं देखी थी ,

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