फ़्रांस की भूखी जनता राजा के महल के सामने जाकर इकट्ठी हो गयी
राजा ने पूछा क्या समस्या है ?
जनता ने कहा हम भूखे हैं , रोटी नहीं है ,
राजा ने कहा तो क्या हुआ
रोटी नहीं है तो केक खाओ
जनता ने राजा को महल से बाहर खींच लिया
क्रांति हुई
नरेन्द्र मोदी ने कहा
ये कमज़ोर लोग कुपोषित नहीं हैं
ये लोग पतले दिखना चाहते हैं, ये असल में डाइटिंग कर रहे हैं
शीला दीक्षित ने कहा
चार रूपये रोज़ में एक व्यक्ति खाना खा सकता है
लेकिन अब हममें से कुछ लोग नरेन्द्र मोदी के लिए
और कुछ लोग शीला दीक्षित को दोबारा अपना राजा बनाने के लिए
प्रचार करेंगे
देखा लोकतंत्र का कमाल
अब वोट लेकर हर शोषण पर
लोगों के समर्थन का दावा कर दिया जाता है
देखो धर्म नाम के फंदे का कमाल
कैसे एक हत्यारा भी हमें
कबूल हो जाता है
कैसे हम अपनी भूख के सवाल को भी भूल जाते हैं ?
ये कुछ लोग मुल्ला के गुलाम हैं
ये दाढ़ी टोपी और नमाज़ की मार्फत
मरने के बाद
मुक्ति की कल्पना में डूबे हुए हैं
और ये दुसरे वाले घंटी बजा कर
अगला जन्म सुधारने
के नशे में डूबे हुए हैं
कुछ को मोदी हांक लेता है
कुछ को सोनिया हांक लेगी
और ये दोनों मूर्ख
फिर पांच साल तक
पिटते रहेंगे
http://www.janjwar.com/2011-05-27-09-00-20/29-economic/2824-gharelu-vastuon-ka-daam-badhane-ka-arthshashtra
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ReplyDeleteashwini
I agree
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