दंतेवाड़ा
में जनवरी के अंतिम सप्ताह में सरकारी सुरक्षा बलों ने आदिवासियों के दो गांवों
पीडिया और तुमनार गाँव में घरों और सामुदायिक विद्यालयों को जला दिया .
पहले तो सरकार ने
जान बूझ कर बैलाडीला के इस इलाके के गावों के स्कूलों को बंद कर दिया था ताकि इन गावों के
लोगों को वहाँ से भगाया जा सके और ज़मीनों को उद्योगपतियों को खनिजों के लिये दिया
जा सके .
इस इलाके में टाटा
और एस्सार को लोहे की खदाने दी गई हैं .
पीडिया और तुमनार
बैलाडीला पहाड़ी के पीछे बसे हुए दो आदिवासी गाँव हैं .
इन दोनों गाँव में
आदिवासियों ने श्रमदान से अपने स्कूल बनाये और चंदा कर के गाँव के पढ़े लिखे युवकों
को अपना शिक्षक नियुक्त किया .
अब पुलिस ने इन
दोनों स्कूलों को तोड़ दिया . बच्चों की किताबों को जला दिया है . बच्चों के लिये
खाना बनाने के बर्तनों को फोड दिया है .
अभी मुंबई से
प्रसिद्ध चिन्तक बेला भाटिया ने इन दोनों गाँव का दौरा किया .
अभी बेला जी ने
गाँव वालों से बात चीत की और आदिवासियों के जलाये हुए घरों और स्कूल भवनों को देखा
.
बेला जी ने गंगालूर
पुलिस थाने में इस घटना के बारे में एक शिकायत भी दर्ज कराई है .
बेला भाटिया जी द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत की प्रति संलग्न है .
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