Tuesday, July 16, 2013

ओ राष्ट्रवादी

ओ राष्ट्रवादी 
अगर राष्ट्र ना होता 
तो तू भी मेरी तरह अपनी मेहनत की ही खाता 
मैं करता हूं मेहनत 
पर तिजोरी भरती है तेरी 
मैं तेरी गर्दन पकड़ कर अपनी मेहनत की पूरी कीमत वसूल लेता 
लेकिन हमेशा पुलिस तुझे बचा लेती है  
अगर पुलिस ना होती फिर देखता तू कैसे अमीर बन पाता 
इसलिये तू पुलिस के गुणगान करता है 
ओ राष्ट्रवादी 

मेरी ज़मीन पर तेरा कारखाना 
अगर सरकार ना होती तो ज़मीन 
जो जोते उसकी होती 
सरकार के डंडे और बंदूक के दम पर तूने मेरी ज़मीन छीनी और कारखाना लगाया है 
अगर सरकार ना होती 
तो ये कारखाना तेरा ना होता 
इसलिये तू सरकार के गुण गाता है 
ओ राष्ट्रवादी 

राष्ट्रवादी लुटेरों 
राष्ट्र का मतलब तुम्हारे लिये 
सरकार , पुलिस, फौज  और बंदूकें होती है 
जिसे तुम पूरे राष्ट्र के गरीबों ,कमेरों , के खिलाफ इस्तेमाल 
करते रहते हो 
तू अपने फायदे के लिये गरीबों को चूस कर मार देता है 
ओ राष्ट्रवादी 


ओ राष्ट्रवादी 
तू गरीब , मानवाधिकार , अल्पसंख्यक , धर्मनिरपेक्षता जैसे 
मूल्यों की खिल्ली उडाता है 
ओ राष्ट्रवादी 

हमने तेरी असलियत पहचान ली है 
राष्ट्रवादी पिशाच 
तू अपने ही देश और समाज का खून चूसने वाला 
जानवर है 

तेरे रहते 
मेहनतकश 
किसान मजदूर 
और देश के करोड़ों आम लोग 
कभी चैन से नहीं जी पायेंगे 
इसलिये 
अब हमने तुझ से मुक्ति का संकल्प लिया है 

अब तुझे हम अपने बीच 
रहने नहीं देंगे 
अब देश में बस  
इंसान रहेंगे  

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