Tuesday, September 17, 2013

सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी की ज़मानत की अर्जी


सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी जेल में हैं।  दोनों आदिवासी हैं। सरकार ने आदिवासियों की ज़मीन छीनने के लिए आदिवासियों के गाँव जलाए। लिंगा कोड़ोपी ने जाकर गाँव का वीडियो बना लिया।  डर  के मारे सरकार ने लिंगा कोड़ोपी को जेल में डाल दिया।
 लिंगा कोड़ोपी की शिक्षिका बुआ सोनी सोरी ने लिंगा कोड़ोपी की मदद करने की कोशिश करी थी।  इसलिए सरकार ने सोनी सोरी को भी गिरफ्तार कर लिया।  

थाने में पुलिस अधीक्षक ने सोनी सोरी को निवस्त्र किया और सोनी सोरी के गुप्तांगों में पत्थर डाल दिए जिससे सोनी सोरी धीरे धीरे मर जाय। 


सरकार ने दावा किया की लिंगा कोड़ोपी और सोनी सोरी नक्सली हैं।  लेकिन अदालत द्वारा सोनी सोरी को पांच मामलों में निर्दोष घोषित किया जा चुका है ।

लिंगा कोड़ोपी पर दो फर्जी मुकदमे थे। जिनमे से एक मामले में लिंगा कोड़ोपी को निर्दोष घोषित किया जा चूका है। 


अब सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी पर एक ही मुकदमा बाकी है। इसी एक मामले में फंसा कर सरकार ने सोनी सोरी औए लिंगा कोड़ोपी को अभी भी जेल में डाला हुआ है।

इस आखिरी मुकदमे में पुलिस की बनाई हुई कहानी के अनुसार "एस्सार कम्पनी का ठेकेदार नक्सलियों के लिए सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी को पैसे दे रहा था तब पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया और सोनी सोरी भाग गयी ". 

हांलाकि बाद में तहलका पत्रिका द्वारा बनाये गए वीडियो में उसी थाने का पुलिस अधिकारी यह कहते हुए पकड़ा गया था की हाँ यह सच है कि हमने लिंगा कोड़ोपी को लिंगा कोड़ोपी के घर से उठाया था।  ठेकेदार को भी ठेकेदार के घर से उठाया था और पैसा भी ठेकेदार के घर से उठाया था। 

यह वीडियो आज भी तहलका की वेब साईट पर मौजूद है.

इस महीने की तेरह तारीख को दंतेवाडा सेशन कोर्ट में सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी  पर इस मामले में आरोप तय करने पर बहस की गयी। 

सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी की तरफ से बहस करने दिल्ली से वरिष्ठ वकील वृन्दा ग्रोवर दंतेवाडा गयी थी। 

सरकारी वकील ने तीन बातें कहीं :

१- सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी के पास से पक्के सबूत बरामद हुए हैं। 

२- सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी के नक्सलियों से सम्बन्ध हैं।  

३- यह इलाका नक्सल प्रभावित है। 


सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी की वकील वृन्दा ग्रोवर ने जवाब में कहा कि :

१-सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ है।  यदि पुलिस की कहानी को कुछ देर के लिए सच मान भी लें तो भी पैसा ठेकेदार बी के लाला के पास से बरामद हुआ। सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी के पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ। 

२- सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी के नक्सलियों से कोई सम्बन्ध नहीं हैं।  पुलिस ने सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी के नक्सलियों से सम्बन्धों के जितने भी मामले आपकी अदालत के सामने पेश किये उन सभी मामलों में आपकी इसी अदालत ने सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी को सबूतों के अभाव में ससम्मान बरी किया है।  इसलियें सरकार की यह दलील कि सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी के नक्सलियों से सम्बन्ध हैं बिलकुल भी सिद्ध नहीं हो पाया है। 

३- यदि यह इलाका नक्सल प्रभावित है भी तो उसका इस मुकदमे से कोई  देना नहीं है। 

वृन्दा ग्रोवर ने सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी से जेल में मुलाक़ात की। दोनों का स्वास्थ गिरता जा रहा है। सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी दोनों बहुत कमज़ोर हो चुके हैं। 

इस बीच सोनी सोरी और लिंगा कोड़ोपी की इस मामले में ज़मानत की अर्जी सर्वोच्च न्यायालय में पेश कर दी गयी है। 

इस मामले में लिंगा कोड़ोपी की और से ज़मानत के लिए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण सर्वोच्च न्यायालय में पेश होंगे। 

सोनी सोरी की और से ज़मानत के इस मामले में  मानवाधिकार मामलों के वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंसाल्विस सर्वोच्च न्यायालय में पेश होंगे। 

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