विकास का मतलब ?
और भी अमीर हो जाना ?
अमीर हो जाना मतलब ?
मतलब हमारे पास हर चीज़ का ज़्यादा हो जाना ?
मतलब पैसा ज़्यादा ,ज़मीन ज़्यादा, मकान ज़्यादा हो जाना ?
हाँ जी ?
आपका विकास हो जाएगा तो आपके पास ज़्यादा पैसा आ जाएगा जिससे आप ज़्यादा गेहूं , सब्जियां , ज़मीन वगैरह खरीद सकते हैं .
हाँ जी .
क्या आपके लिए प्रकृति ने ज़्यादा ज़मीन बनाई है ?
नहीं जी सबके लिए बराबर बनाई है ?
आप ज़्यादा ज़मीन लेंगे तो वो ज़मीन तो किसी दूसरे के हिस्से की होगी ना ?
हाँ बिलकुल .
यानी आपका विकास दूसरे के हिस्से का सामान हड़प कर ही हो सकता है .
हाँ जी .
तो आपका विकास प्रकृति के नियम के विरुद्ध हुआ ना ?
हाँ बिलकुल ?
जो लोग बहुत मेहनत करते हैं जैसे किसान मजदूर क्या वो भी अमीर बन जाते हैं ?
नहीं वो अमीर नहीं बन पाते .
यानी अमीर बनने के लिए मेहनती होना ज़रूरी नहीं है ?
हाँ उसके लिए दिमाग की ज़रूरत होती है .
आप मानते हैं कि खेती और मजदूरी के लिए बुद्धि की ज़रूरत नहीं है ?
हाँ नहीं है .
आपने कभी खेती या मजदूरी करी है .
नहीं करी .
फिर आपको कैसे मालूम कि खेती और मजदूरी के लिए बुद्धि की ज़रूरत नहीं है ?
वो मजदूर किसान लोग पढ़े हुए नहीं होते ना .
अच्छा वो क्यों नहीं पढ़े हुए होते ?
क्योंकि उनके गाँव में अच्छे स्कूल नहीं होते और उन्हें काम करना पड़ता है इसलिए वो स्कूल नहीं जा पाते .
यानि उनका ना पढ़ पाना अपने स्थान और जनम के कारण होता है ?
हाँ जी .
तो इसमें उन किसान मजदूरों का दोष है क्या ?
नहीं उनका दोष नहीं है .
अगर उनका दोष नहीं है तो उनका आप जैसा विकास क्यों नहीं होना चाहिए ?
क्योंकि वो मेरे जैसा काम ही नहीं कर सकते .
आप क्या काम कर सकते हैं जो किसान मजदूर नहीं कर सकता ?
मैं कम्प्युटर पर काम कर सकता हूँ .
आप घर पर कम्प्यूटर पर काम करेंगे तो आप अमीर हो जायेंगे ?
नहीं घर पर अपना काम करने से अमीर नहीं होंगे उसके लिए हमें कहीं कम्पनी वगैरह में काम करना पड़ेगा .
अच्छा तो कम्पनी आपको पैसा देगी तब आप अमीर बनेंगे ?
हाँ कम्पनी के पैसे से मेरा विकास होगा ?
कम्पनी के पास पैसा कहाँ से आता है ?
कम्पनी माल का उत्पादन करती है उसमे से पैसा हमें देती है .
कम्पनी माल बनाती है तो उसके लिए ज़मीन पानी वगैरह कहाँ से आता है .
ज़मीन पानी तो कम्पनी को सरकार देती है .
सरकार ने ज़मीन पानी बनाया है क्या ?
नहीं सरकार लोगों से ज़मीन पानी ले कर कम्पनी को देती है .
क्या सरकार को लोग प्रेम से अपनी ज़मीन और पानी दे देते हैं ?
नहीं लोग प्यार से सरकार को ज़मीन और पानी नहीं देते सरकार पुलिस भेज कर लोगों से ज़मीन और पानी छीन लेती है ?
अच्छा जिनकी ज़मीन और पानी सरकार छीन कर कम्पनी को देती है वो बहुत अमीर लोग होते होंगे ?
अरे नहीं सरकार तो गरीबों का पानी और ज़मीन छीन कर कम्पनी को देती है .
अच्छा मतलब आपका विकास तब होता है जब गरीबों की ज़मीन छीनी जाय ?
हाँ जी बिलकुल .
मतलब आपके विकास के लिए आपको गरीब की ज़मीन चाहिए ?
हाँ जी .
ज़मीन छीनने के लिए पुलिस भी चाहिए ?
हां जी पुलिस तो चाहिए .
निहत्थी पुलिस या हथियारबंद पुलिस ?
निहत्थी पुलिस किस काम की हथियारबंद पुलिस चाहिए .
यानी आपके विकास के लिए बंदूकें भी चाहियें ?
हाँ जी बंदूकें भी चाहियें .
मतलब आप सरकारी हिंसा के बिना विकास नहीं कर सकते ?
हाँ जी नहीं कर सकते ?
यानी आपका ये विकास हिंसा के बिना नहीं हो सकता ?
हाँ नहीं हो सकता .
तो आप इस सरकारी हिंसा का समर्थन करते हैं ?
हाँ विकास करना है तो हिंसा तो होगी .
अच्छा अगर आपकी इस हिंसा के कारण अगर गरीब लोग भी आप की पुलिस से लड़ने लगें तो आप क्या करेंगे .
हम और भी ज़्यादा पुलिस भेजेंगे .
अगर गरीब और भी ज्यादा जोर से लड़ने लगें तो ?
तो हम सेना भेज देंगे .
यानी आप अपने ही देश के गरीबों के खिलाफ देश की सेना का इस्तेमाल करेंगे ?
क्यों नहीं करेंगे . विकास के लिए हम सेना का इस्तेमाल ज़रूर करेंगे .
देश की सेना देश के गरीबों को ही मारेगी तो क्या उसे गृह युद्ध नहीं माना जाएगा ?
हाँ हम विकास के लिए कोई भी युद्ध लड़ सकते हैं .
हमारे प्रधानमंत्री ने कहा है कि जो हमारे विकास में बाधा पहुंचाता है वह आतंकवादी है .
ओह तो आप अपने विकास के लिए देशवासियों के विरुद्ध सेना का उपयोग करेंगे ?
हाँ ज़रूर करेंगे .
क्या इस दिन के लिए देश आज़ाद हुआ था की एक दिन इस देश के विकसित लोग अपने देश के गरीबों के खिलाफ सेना का इस्तेमाल करेंगे ?
हाँ विकास के लिए हम कुछ भी करेंगे .
गरीब जनता के विरुद्ध सेना का इस्तेमाल करेंगे ?
हाँ ज़रूर करेंगे .
(तो दोस्तों यही है विकास का हमारा माडल .
बधाई हो )
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