Monday, July 28, 2014

मैं तैयार हूँ

सुना है छत्तीसगढ़ सरकार ने मेरे छत्तीसगढ़ से निकलने के बाद मेरे नक्सलवादी होने के बहुत सारे मुकदमे बना दिए हैं . 

अभी हाल में ही एक सामाजिक कार्यकर्ता जब एक अदालत में छत्तीसगढ़ पुलिस के खिलाफ बयान दर्ज करवा रहे थे और जब उन्होंने अदालत को बताया कि पुलिस की बदमाशियों की जानकारी उन्हें हिमांशु कुमार से मिली थी ,और जब वो उन घटनाओं की जांच करने और पीड़ित आदिवासियों से मिलने गए तो पुलिस ने ही उन पर हमला कर दिया .

इस पर सरकारी वकील ने अदालत में कहा कि हिमांशु कुमार तो फरार अपराधी है .

सरकार द्वारा आदिवासियों के गाँव जलाने , आदिवासी बूढों और बच्चों की हत्याओं ,आदिवासी लड़कियों के साथ पुलिस द्वारा बलात्कार के अनेकों मामले मैंने अदालत में दायर किये हुए हैं .

मुझे डराने के लिए सरकार ने मेरे अनेकों आदिवासी कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया . सोनी सोरी को प्रताड़ित कर के मेरे नक्सलवादी होने के कबूलनामे पर हस्ताक्षर करवाने की कोशिश करी , लेकिन जब सोनी नहीं मानी तो उसे बिजली के झटके दिए और सज़ा के तौर पर उसके गुप्तांगों में पत्थर भर दिए .

छत्तीसगढ़ से निकलने के बाद से आज तक मैं एक दिन के लिए भी कहीं छिपा नहीं . टीवी की चर्चाओं में आता हूँ . सर्वोच्च न्यायालय में छत्तीसगढ़ पुलिस के सामने मौजूद रहता हूँ . पत्र पत्रिकाओं में लिखता हूँ . सभाओं और रैलियों में शामिल होता हूँ . 

फिर भी छत्तीसगढ़ सरकार का यह कहना कि मैं फरार हूँ . यह सरकार की बदमाशी के अलावा कुछ नहीं है .

मैं चाहता हूँ कि सरकार जब चाहे मुझे गिरफ्तार करे , मुझे भी अन्य आदिवासियों की तरह जेल में सताए . चाहे तो जेल में मुझे मार डाले .

सत्य के इस रास्ते पर चलना शुरू करने से पहले मुझे अपने इस तरह के अंत  की उम्मीद थी .

मैं तैयार हूँ .

2 comments:

  1. सत्य के मार्ग पर चलनेवाले को बहुत संघर्ष करना पड़ता है - हार न मानें ,एक दिन सच सामने आएगा ही हो सकता है कुछ और समय लग जाय .

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  2. जारी रहे संघर्ष।

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