वर्तमान ही रुका हुआ है
हमेशा से
हम वर्तमान में ही पैदा हुए
वर्तमान में ही बड़े हुए
वर्तमान में ही मर जायेंगे
वर्तमान में जीते जीते
सूरज और तारे
बारी बारी
अपनी छांव डालते हैं हम पर
कोई अतीत नहीं होता
बस स्मृतियाँ होती हैं
इन्ही स्मृतियों के आधार पर
करते हैं हम कल्पनाएँ
उसे हम भविष्य कहते हैं
समय नहीं चलता
ध्यान से देखिये
वर्तमान रुका हुआ है हमेशा से
इसलिए हर बदलाव वर्तमान में होता है
धर्म वर्तमान में होता है
क्रांति वर्तमान में होती है
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