भारत का संविधान कहता है कि भारत धर्म निरपेक्ष होगा
यानी यहाँ सभी धर्मों को बराबर माना जाएगा
और सरकार किसी एक धर्म को आश्रय नहीं देगी
हिंदुओं के हितों की बात करने वाले संगठन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नें
आज़ादी मिलते ही राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगे को स्वीकार करने से मन कर दिया था
आज़ादी मिलते ही राष्ट्रीय ध्वज के रूप में तिरंगे को स्वीकार करने से मन कर दिया था
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ नें तिरंगे को जलाया था
छत्तीसगढ़ में भाजपा का शासन है
भाजपा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को अपना पितृ संगठन मानती है
इसलिए अब छत्तीसगढ़ में हिंदू राष्ट्र के सभी प्रतीकों को सरकारी तौर पर लादा जा रहा है
अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के विश्वविद्यालयों के उपकुलपतियों की मीटिंग को राज्यपाल की जगह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पदाधिकारियों नें संबोधित किया
छत्तीसगढ़ के अनेकों गाँव के बाहर बोर्ड लगा दिए गए हैं कि इस गाँव में गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है
अभी एबीवीपी के स्थापना कार्यक्रम का उदघाटन कमिश्नर नें किया और उनका ध्वज भी फहराया
इस चित्र में आप देख सकते हैं कि शासकीय पालिटेक्निक पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की जगह भगवा ध्वज फह्राजा जा रहा है
एक तरफ छत्तीसगढ़ सरकार राष्ट्रवाद के नाम पर आदिवासी महिलाओं से बलात्कार करवा रही है
इसके विरुद्ध आवाज़ उठाने वालों को राष्ट्रद्रोही कह कर सरकार जेलों में डाल रही है
दूसरी तरफ हिंदू राष्ट्रवाद के एजेंडे को लागू करती जा रही है
दूसरी तरफ हिंदू राष्ट्रवाद के एजेंडे को लागू करती जा रही है
ये हिंदू राष्ट्रवाद आदिवासियों , महिलाओं ,दलितों , मुसलमानों ईसाईयों के लिए नर्क से बढ़ कर होगा
लिखवा कर ले लो
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