Saturday, July 30, 2016

गौरव की पुनर्स्थापना

हमें भारत के पुराने गौरव की पुनर्स्थापना करनी है या आज की समस्याओं का समाधान करना है ?
आज की समस्याओं का अर्थ है भारत में आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक न्याय की स्थापना ၊
भारत में मेहनत करने वाले बुरी हालत में है
भारत में मेहनत करने वालों को नीच जात का माना जाता है
भारत में मेहनत करने वाले मजदूर की हालत ख़राब है
भारत में किसान की हालत खराब है और वह आत्महत्या करने को मजबूर है
भारत में औरतों की हालत बहुत खराब है
भारत में अल्पसंख्यकों , मुसलमानों , इसाईयों का हाल खराब है
यह है आज की समस्याएं जिनका हमें निदान करना है ၊
लेकिन जब आप इन समस्याओं को हल करने की कोशिश करेंगे तो पहले से मजे कर रहे लोगों को तकलीफ होगी ၊
बिना मेहनत किए मजे करने वाला धनी आपके सुधारों से परेशान हो जाएगा၊
महिलाओं को घरों में गुलामी की हालत में रखकर मजे करने वाला मर्दवादी वर्ग परेशान हो जाएगा ၊
काम करने वाले लोगों को नीच जात कहकर मजे करने वाला सवर्ण वर्ग आपके सुधारों से परेशान हो जाएगा ၊
तो जैसे ही आप आज की समस्याओं का हल करने जाएंगे यह धनी पुरुषवादी और सवर्ण जातियां आप पर हमला कर देंगे ၊
आपको नक्सली देशद्रोही विदेशी एजेंट कहा जाएगा
यह बिना मेहनत किए धनी बना हुआ, पुरुषवादीऔर सवर्ण जातियां आज के हालात में बदलाव को रोकने के लिए एक चालाकी भरी राजनीति करते हैं ၊
यह कहते हैं कि आज की राजनीति का उद्देश्य समानता और सामाजिक आर्थिक राजनैतिक न्याय की स्थापना नहीं है ၊
बल्कि हमारा मुख्य लक्ष्य भारत के प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना है၊
यह एक झूठा राजनैतिक खेल है ၊
क्योंकि भारत का कोई प्राचीन गौरवशाली इतिहास नहीं है ၊
यह एक काल्पनिक धारणा है ၊
क्योंकि अगर आप वेदों का इतिहास माने तो आप उसमें किसानों की हालत दस्तकारों की हालत औरतों की हालत मनुष्य को दास बनाने की हालत के बारे में कुछ भी नहीं पाते हैं၊
उस समय के आम लोगों का जीवन कैसा था इस बारे में आपको कुछ भी नहीं मिलता है ၊
भारत का कोई भी अतीत गौरवशाली नहीं था၊
यहां दास प्रथा थी ၊ धनी लोग कई कई शादियां करते थे၊ मेहनत करने वालों को नीची जाति माना जाता था ၊ दलितों की अलग बस्तियां थी ၊ और उनका भयानक शोषण था၊ उन्हें शिक्षा , धन कमाने और दूसरे लोगों के साथ बराबरी करना मना था ၊
अगर भारत का इतिहास गौरवशाली होता तो वह आज के समाज में हमें दिखाई देता ၊
हमें जो दिखाई देता है, वह दिखाई देता है कि भारत के घरों में औरतों की गुलामी၊
हमें दिखाई देती है , मेहनत करने वाले लोगों को दलित माना जाना और उनके साथ जानवरों जैसा सलूक ၊
अगर भारत का अतीत गौरवशाली होता तो आज का भारत भी औरतों और दलितों के साथ बराबरी का बर्ताव करता , औरत और दलितों की हालत अच्छी होती ၊
हमारे आज के समाज की हालत से हमें हमारे अतीत का पता चलता है ၊
असल में अतीत के गौरव की पुनर्स्थापना का भ्रम आज के समाज के सुधारों को रोकने के लिए करी जाने वाली राजनीति है ၊
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मर्दवादी अमीर और सवर्ण जातियों का समूह है၊
यह लोग भारत की आजादी से पहले से ही भारत में सत्ता की हालत में रहे हैं ၊ यह शासक वर्ग है ၊
यह नहीं चाहते कि भारत में दलित, आदिवासी , किसान और औरतें परंपरागत सत्ता को मिटाकर एक समतामूलक न्याय प्रिय समाज की स्थापना करें၊
इसलिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी चालाकी से नए सुधारों को रोकने के लिए, हिंदू गौरव और भारत की प्राचीन संस्कृति की झूठी परिकल्पना की राजनीति करती है ၊
हमें इस चालाकी को समझना होगा और नौजवानों को इस प्राचीन गौरव के भ्रम से निकालकर उसे आज की समस्याओं के समाधान करने वाली राजनीति से जोड़ना होगा၊

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