Thursday, May 3, 2012

सोनी का इलाज कराओ - सर्वोच्च न्यायालय



०२ मई को सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ जिसमे न्यायमूर्ति अल्तमश कबीर तथा जस्ती चलमेश्वर ने छत्तीसगढ़ शासन को निर्देश दिया है कि वे आदिवासी शिक्षिका सोनी सोरी को एक सप्ताह के भीतर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लेकर आये |
         सोनी सोरी की स्वास्थ्य की स्थिति पर तथा सोनी सोरी के व रायपुर के उनकी अधिवक्ता के द्वारा भेजे गये पत्रों के द्वारा उनकी स्वास्थ्य के बारे में दी गयी जानकारी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए न्यायालय ने इस विषय में गहरी चिन्ता व्यक्त की तथा सोनी सोरी के स्वास्थ्य में जाँच व इलाज के लिये उन्हें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लाकर उनका पूर्ण इलाज कराने का आदेश दिया |
न्यायालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक को निर्देश दिया है कि वो गाय्नाकोलोजी, एन्डोक्रीनोलोजी व अन्य विभागों के विभागाध्यक्ष को शामिल कर सोनी सोरी के स्वास्थ्य की जाँच करे तथा उसका इलाज करे तथा सोनी सोरी के इलाज के संबंध में रिपोर्ट १० जुलाई तक सर्वोच्च न्यायालय को दे |
सोनी सोरी जबेली में आदिवासी विभाग के बाल आश्रम की अधीक्षिका हैं | उन्हें दिल्ली में ०४ अक्टूबर को नक्सली समर्थक होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था | सोनी सोरी गत एक वर्ष से पुलिस के अत्याचारों का सामना कर रही थी तथा वो छत्तीसगढ़ पुलिस की ज्यादतियों के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में शिकायत दर्ज कराना चाहती थी | अपने विरुद्ध बर्बर व्यवहार की आशंका से उनहोंने दिल्ली उच्च न्यायालय में अपील की थी कि उन्हें छत्तीसगढ़ न भेजा जाये परन्तु उनकी यह प्रार्थना अस्वीकार कर दी गई | इसके बाद छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें दिल्ली से दंतेवाड़ा ले गई तथा ०८-०९ अक्टूबर,२०११ को उनके साथ पुलिस हिरासत में भयंकर प्रताड़ना की गई जिसकी पुष्टि एन.आर.एस. हॉस्पिटल कलकत्ता के डाक्टरी जाँच से हुई थी |

सर्वोच्च न्यायालय ने आज यह भी उल्लेख किया कि यह सिद्ध हो चुका है कि सोनी सोरी के विरुद्ध क्रूरता की गई थी तथा कलकत्ता मेडिकल हास्पिटल में उनके गुप्तांगो से तीन पत्थर के टुकड़े भी निकाले थे | कलकत्ता हास्पिटल ने यह भी टिपण्णी की थी कि सोनी सोरी को १५ दिनों में फिर से अस्पताल लाया जाय परन्तु छह माह बीतने के बाद भी उन्हें इलाज के लिये नहीं ले जाया गया | यहाँ तक की कलकत्ता मेडिकल कालेज के डाक्टरों द्वारा लिखी गई दवाईयां भी नहीं दी |

न्यायालय में आज सोनी सोरी के पत्रों को पढ़ा गया जिसमे सोनी सोरी के बिगड़ते स्वास्थ्य के बारे में विवरण है, जिसमे सोनी सोरी द्वारा अंदरूनी रक्तश्राव, खून की कमी, योनी स्राव, खड़े होने व चलने में तकलीफ, तेजी से कम व ज्यादा होने वाले रक्तचाप तथा गर्भाशय का अपनी जगह से हट जाना | सोनी के पत्रों में यह भी बताया गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद जेल अधिकारियों द्वारा सोनी सोरी के ईलाज में रुकावट डाली जा रही है तथा सोनी सोरी द्वारा ईलाज के मांग करने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है | उपरोक्त सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि सोनी सोरी के डाक्टरी ईलाज कराई जाये तथा उनका ईलाज कराया जाये|    
छत्तीसगढ़ शासन के अधिवक्ता ने कहा कि सोनी सोरी का ईलाज रायपुर में ही कराया जाना चाहिये परन्तु सर्वोच्च न्यायालय ने साफ-साफ कहा कि सोनी सोरी का ईलाज किसी स्वतंत्र स्थान पर ही होना चाहिय | छत्तीसगढ़ शासन के अधिवक्ता ने कलकत्ता मेडिकल कालेज में सोनी सोरी के ईलाज के मुद्दे पर भी आपत्ती व्यक्त की | सर्वोच्च न्यायालय ने सोनी सोरी को तत्काल एम्स में लाने का निर्देश दिया|

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